एकता परिषद ने जल, जंगल, जमीन व ग्राम समस्या से जुड़ी 11 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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गरियाबंद। गरियाबंद जिले के विभिन्न समस्या जिसमे ग्राम समस्या एवं जल,जंगल,जमीन से जुड़े 11 बिंदुओं की मांगों को लेकर एकता परिषद् द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर गरियाबंद को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें एकता परिषद् के वरिष्ठ कार्यकर्ता सीताराम सोनवानी, जिला समन्वयक नूरानी जैन, जनप्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य सभापति फिरतूराम कंवर,विशेष जनजाति कमार भुजिया के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं 5 गांव के ग्राम पटेल मुख्य रूप से शामिल थे ।

एकता परिषद के वरिष्ठ कार्यकर्ता सीताराम सोनवानी अपनी मांगों को लेकर कहते हैं कि वन अधिकार अधिनियम 2006 आज पर्यंत तक आदिवासी परंपरागत वन वासियों के द्वारा नियमानुसार प्रपत्र में व्यक्तिगत एवं समुदायिक मान्यता हेतु राजस्व में खसरा,रकबा, क्षेत्रफल उल्लेखित दावा प्रस्तुत करते आए हैं । जिसमे हम मांग करते हैं कि उपलब्ध कराए गए क्षेत्रफल की मान्यता और निरस्त किए दावा की सच्चाई से अवगत होकर बेदखल अभियान पर नियंत्रण की जाए ।
जल संसाधन संभाग गरियाबंद में वर्षों से प्रस्तावित सोन नदी, पूरेल बांध,नहर नाली विस्तार, सिंचाई सुविधा हेतु लंबित सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासनिक तकनीकी स्वीकृति प्रदान कराई जाए । राशन कार्ड से वंचित हितग्राहियों को नियमानुसार राशन कार्ड एवं योजना अंतर्गत खाद्यान्न सामग्रियां उपलब्ध कराई जाए । पैरी नदी कासरबाय घाट में सेतु पुल निर्माण हेतु स्वीकृत लंबित निर्माण कार्य को यथाशीघ्र प्रारंभ किया जाए जिससे समस्त क्षेत्रवासियों को आवागमन की सुविधा का लाभ मिल सके । सोन नदी में रपटा, पाइप पुलिया के लिए तत्काल स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य कराए जाए । बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के समस्त गांव तक पहुंच मार्ग के पुल पुलिया रपटा को शुद्ध सुविधा युक्त निर्माण कराए जाएं । क्षेत्रीय मुख्यालय ग्राम पीपरछेड़ी कला में आदिम जनजाति सहकारी समिति का गठन व संचालन की स्वीकृति प्रदान करने, भौगोलिक बरसात में आवागमन की दूरी को ध्यान में रखकर विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजाति कमार एवं भुंजिया गोंड आदिवासी वंचित किसानों को उद्देश्य अनुसार कृषि विकास योजना के लाभ हेतु पीपरछड़ी कला में आदिम जनजाति सहकारी समिति संचालन करने लाभ दिलाने ।

शासन के उद्देश्य अनुसार ग्राम पीपरछेड़ी कला को उप तहसील कार्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ है जिसे विधिवत संचालित कराए जाएं । शासन की योजनाअंतर्गत गोधन योजना के तहत गायों के मल मूत्र संग्रहण, क्रय विक्रय के लिए जैविक, खाद, बीज प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना आदर्श ग्राम पंचायत महवाभाठा अंतर्गत स्थापित कर इस अंचल में रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा दिए जाएं ।
विलुप्त हो रहे औषधियां जड़ी बूटियों को पूर्ण जीवित रखने वृहद पैमाने पर रोपण अभियान चलाया जाए और नाड़ी ज्ञान वेद मानव सेवा चार कार्य को प्रोत्साहित किया जाने तथा शासन के राम गमन, पर्यटन, संस्कृति, धर्मस्व विभाग योजना अंतर्गत जय मां गढ़ धाम, ग्राम धमना ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी कला और नागेश पर्वत में स्थित देवगढ़, उदंती, बम्हनी झोला क्षेत्र को उद्देश्य अनुसार सर्वांगीण विकास का अवसर प्रदान कराए जाएं । शासन द्वारा स्वीकृत शिक्षक भर्ती अभियान में राज्य के विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों की योग्यता अनुसार अभ्यर्थियों का विभागीय आदेश के तहत सीधी भर्ती योजना का लाभ दिलाए जाने जैसे अनेकों मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर छतर सिंह डेहरे गरियाबंद को ज्ञापन सौंपा गया ।

उक्त जिन ग्यारह बिंदुओं की मांग राज्य सरकार से की गई है वह लोकहित से जुड़ा अहम और आवश्यक जरूरतें हैं,जिसे राज्य सरकार को गंभीरता से लेने की अत्यंत आवश्यकता है। जिससे जन समाज व ग्रामीण अंचल के लोगों में एक बदलाव लया जा सकता है । जिसे लोगों के जरूरतों के अनुसार गंभरतापूर्वक एकता परिषद ने मांग के रूप में राज्य सरकार के समक्ष रखा गया है, इसके पूर्व भी सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाता रहा है और सरकार से मांग की जाती रही है। जो सरकार की ओर से आज पर्यंत विचाराधीन है । और ग्रामीण क्षेत्र तथा जंगल इलाकों के आदिवासी अब भी उन दुर्लभ क्षेत्रों के विकास की बाट जोह रहे हैं ।