नई दिल्ली। अब श्रमिकों को प्रतिदिन 8 घंटे के बजाय अधिकतम 12 घंटे काम करना पड़ सकता है। श्रम मंत्रालय ने संसद में इसके प्रस्ताव दिया है। मंत्रालय ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य शर्तें संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत अधिकतम 12 घंटे के कार्य दिवस का प्रस्ताव दिया है। वही इसमें अल्पकालिक अवकाश को भी शामिल किया गया है। इस मसौदे में साप्ताहिक कार्य घंटे को 48 घंटे पर स्थिर रखा गया है।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- भारत की जलवायु और विभिन्न परिस्थतियो के अनुसार यह प्रस्ताव बनाया गया है। इससे श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के माध्यम से अधिक कमाई करने की सुविधा मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि हमने मसौदा नियमों में आवश्यक प्रावधान किया है ताकि आठ घंटे से अधिक काम करने वाले सभी श्रमिकों को ओवरटाइम मिल सके।
बता दें कि भारत में अब श्रमिकों से आठ घंटे कार्य लेने का प्रावधान है। वही 30 मिनट से कम समय की गिनती ओवरटाइम के रूप में नहीं की जाती है। लेकिन इस मसौदे में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से अधिक लगातार काम नहीं करेगा। सप्ताह के हिसाब से हर रोज कार्य के घंटे इस तरह से तय करने होंगे कि पूरे सप्ताह में ये 48 घंटे से अधिक न हो पाएं।
मसौदा नियमों में कहा गया है कि किसी भी श्रमिक को एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक समय तक किसी प्रतिष्ठान में काम करने की आवश्यक्ता नहीं होगी और न ही ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी। काम के घंटे को इस तरीके से व्यवस्थित करना होगा कि बीच में आराम के लिए इंटरवल के समय समेत किसी भी दिन कार्य के घंटे 12 से अधिक नहीं होने चाहिए।