फर्जी आर्मी अफसर गिरफ्तार: ओएलएक्स के जरिए 100 से अधिक लोगों को लगाया लाखों का चूना

Chhattisgarh Crimes

जयपुर। राजस्थान के भरतपुर में पुलिस ने ओएलएक्स पर जाल बिछाकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह गांव-गांव जाकर लोगों को सिम देने के नाम पर उनके डॉक्यूमेंट की चोरी कर रहे थे. इन डॉक्यूमेंट से इस गिरोह के सदस्य फर्जी सिम जारी कराते और फिर आनलाइन ठगी का खेल शुरू करते थे. ओएलएक्स पर इंडियन आर्मी और सीआईएसएफ के अधिकारी के नाम पर सामान बेचकर लोगों को फंसाया जा रहा था. पुलिस की पकड़ में न आ सकें, इसके लिए फर्जी सिम का इस्तेमाल होता था.

भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजीव नार्जरी ने बताया कि जिले की कुछ तहसीलों में ठग गिरोह संचालित हैं. पुलिस टीम इन गिरोह के सदस्यों को दबोचने के लिए सक्रिय है. इसी क्रम में पुलिस ने जयपुर व भरतपुर के ठग गिरोह की बड़ी गैंग का पदार्फाश किया है. ये लोग पहले सिम के नाम पर लोगों से उनके डॉक्यूमेंट लेते. फिर इन डॉक्यूमेंट के जरिये फर्जी सिम निकलवाई जाती थीं. इसके बाद आनलाइन ठगी की जाती थी. उन्होंने बताया कि तीन महीनों में 100 से अधिक आनलाइन ठगी करने वालों को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि लोगों को आनलाइन ठगों से बचने के लिए खुद भी जागरूक होना होगा. यदि कोई सस्ता सामान देने का वादा कर रहा है, तो लालच में आने के बजाये, उसकी पूरी तरह पहले जांच कर लेनी चाहिये. इसके बाद भी कोई समस्या है या शक है, तो पुलिस से शिकायत करनी चाहिये. पुलिस की मानें तो देश के कई राज्यों में आनलाइन ठगी करने वालों ने पूरा जाल बिछाया हुआ है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ओएलएक्स के जरिये ये ठग लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. विज्ञापन के आधार पर किसी आर्मी कर्मचारी, अधिकारी की वर्दी के साथ फोटो व सैन्य ग्रुप के फोटो, हथियार सहित कैंटीन कार्ड, आर्मी के कर्मचारी का परिचय पत्र आदि डालकर चैट आप्शन के माध्यम से ग्राहकों को अपना व्हाट्सएप नंबर देते और फिर वाहन सस्ते दामों में बेचने का झांसा देकर उनके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था. बताया गया है कि भरतपुर के मेवात इलाके में सबसे ज्यादा ठग गिरोह सक्रिय हैं. इन गिरोह के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. इस गिरोह ने बीते 11 महीनों में 500 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. वहीं लॉकडाउन के दौरान इन वारदातों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई.

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