धान खरीदी केंद में दलाल व बिचौलिये भी सक्रिय, किसान हलाकान
छत्तीसगढ़ क्राइम्स/ पिथौरा
जहाँ सरकार किसानों की सुविधाओं के लिये बड़ी घोषणायेँ कर रहीं है वहीं कुछ कर्मीं लालच मे आकार किसानों के साथ भेदभाव पूर्ण बर्ताब करने से भी पीछे नहीं हट रहें हैं।
एक ऐसा ही मामला ग्राम मोहगांव के किसान खिलेंद्र कर का सामने आया है । किसान ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक महासमुंद के नोडल अधिकारी को अपनी आप बीती बताते हुए पत्र लिखकर बताया है कि जब वे अपना धान बेचने के लिए टोकन लेने पेण्ड्रावन सोसायटी (सांकरा) के कम्प्यूटर आपरेटर बसन्त नायक के पास पहुंचे तो पहले उनसे 3 टोकन के लिए गोलमोल जवाब देकर टालमटोल किया परेशान किया फिर
3 टोकन के लिए 1000 रुपए की मांग किया ।
खिलेंद्र ने सम्पूर्ण घटनाक्रम इस प्रतिनिधि से बताया है व विस्तारित रूप से लिखित शिकायत दिया है शाखा प्रबंधक सांकरा सहित नोडेल अधिकारी व उपपंजीयक को भी जानकारी पीड़ित ने दिया है ।आपरेटर ने सिर्फ घुस की मांग ही नही किया वरन अभद्रतापूर्ण बर्ताव भी लगातार किया ।
जब इस प्रतिनिधि ने उप पँजीयक द्वारकानाथ व नोडेल अधिकारी गंसाहु से बयान लेने का प्रयास की तो मोबाईल ही रिसिव नहीं किया अलबत्ता सांकरा शाखा प्रबंधक पी के मांझी ने गोलमोल बयान देते हुए कहा कि उच्चाधिकारियों को आज पत्र भेजकर अवगत करवाऊंगा तथा स्पष्टीकरण माँगा जा रहा हैं आपरेटर बँसत से वह छुट्टी पर है। उन्होंने बताया कि उसे पेंड्रावन सोसाइटी से हटाकर सांकरा ब्रांच में संलग्न किया जा रहा है । जब हमने शाखा प्रबंधक से बात किया तो वह कहने से भी नहीं चूके कि किसान खिलेंद्र ऑफलाइन में टोकन क्यों माँगने गया ऑनलाइन की सुविधा रहते हुए खिलेंद्र पढ़ा लिखा है ।
शाखा प्रबंधक श्री मांझी ने उल्टे शिक्षित किसान का हवाला देकर किसान पर ही मानो दोष मढ दिया । यहां पर हम आपको बतादे की घुसखोरी के इस मामले मे शिकायत के बाद भी आज दिनांक तक एक भी कागजी कार्यवाही का घोड़ा भी नहीं दौड़ा है। बहरहाल इन घटनाओं से यह समझा जा सकता है कि प्रदेश के धान खरीदी केन्द्रों में हमारे अन्न दाताओं किन किन तकलीफों का सामना अपने उपज को बेचने उठाना पढ़ता होगा।