कृषि संबंधी तीन कानूनों के खिलाफ रायपुर में किसान संगठनों ने दिया धरना

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीन कानूनों के खिलाफ  रायपुर में शनिवार को किसानों ने मार्च निकालकर राज्यपाल को रोष पत्र देने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें 100 मीटर भी आगे नहीं बढऩे दिया। नाराज किसानों ने करीब दो घंटे तक सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर छत्तीसगढ़ के प्रमुख किसान संगठनों ने रायपुर के मोतीबाग पार्क  से राजभवन मार्च की घोषणा की थी। तय समय पर किसान नेता मोतीबाग पहुंच गए। इसमें छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ, प्रगतिशील किसान संगठन और छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के प्रतिनिधि शामिल थे। किसानों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर चलना शुरू किया। पार्क की बाउंड्री खत्म होते ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। राजभवन जाने की जिद पर अड़े किसानों को आगे बढऩे नहीं दिया गया। बाद में पहुंचे तहसीलदार ने उनसे कहा, राज्यपाल अभी छिंदवाड़ा प्रवास पर हैं। वे उन्हें ही ज्ञापन दे दें। जवाब में किसानों ने कहा, वे कई महीनों से अपने क्षेत्र में तहसीलदार को ज्ञापन दे रहे हैं।

यह ज्ञापन नहीं है। यह किसानों की नाराजगी जताने का रोष पत्र है। इसे राजभवन जाकर ही दिया जाएगा। हमने राजभवन में इसकी सूचना भी दी हुई है। प्रशासन नहीं माना और किसानों को आगे बढऩे की अनुमति नहीं मिली। किसान करीब दो घंटे तक वहीं सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। प्रदर्शन करने वालों में जनक लाल ठाकुर, सौरा यादव, गौतम बंद्योपाध्याय, आईके वर्मा, सुदेश टीकम, संजय पराते, आलोक शुक्ला, नरोत्तम शर्मा, तेजराम विद्रोही, पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, शत्रुघन साहू, मदन लाल साहू, श्याम मूरत कौशिक, राजू शर्मा, विश्वजीत हारोड़े, आत्माराम आदि शामिल थे।

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