बैरियर चौकीदार के बिना वनोपज जाँच नाका तीन साल से बंद, मामला बफर जोन ग्राम गरीबा का

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व तौरेंगा बफर जोन के ग्राम गरीबा जो उड़ीसा सीमा से लगे होने के कारण वन अपराध पर नियंत्रण चिरान लट्ठा इमारती लकड़ी व वन्य प्राणियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से नया बेरियर खोला गया था। बकायदा गरीबा में वनोपज जांच नाका बेरियर का निर्माण वन विभाग के द्वारा किए जाने से क्षेत्र के लोगों को खुशी थी कि बेशकीमती सागौन लकड़ी के अलावा अन्य इमारती लकड़ियों के अवैध तरीके से तस्करी एवं वन अपराध करने वाले अपराधियों पर बहुत हद तक अंकुश लगेगी लेकिन दुर्भाग्य है। वन विभाग के द्वारा बेरियर जांच नाका का निर्माण तो किया गया लेकिन आज तक एक भी कर्मचारियों का वहां पर ड्यूटी नहीं होने के कारण वनोपज जांच नाका गरीबा मात्र शोपीस बनकर रह गया है। अगर ऐसा ही करना था तो वन विभाग तौरेगा परिक्षेत्र द्वारा शासकीय राशियों का दुरुपयोग क्यों किया गया। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए वन परिक्षेत्राधिकारी तौरेंगा को फोन लगाया गया लेकिन उसने फोन रिसीव करना मुनासिब नही समझा शायद ऐसे मामलो पर बात करने के लिए घबराता हो।

इस संबंध में क्या कहते हैं वरिष्ठ जनप्रतिनिधि,,जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम,, वन अपराध पर रोकथाम करने एवं अपराधियों को धरपकड़ किए जाने के कारण ही उड़ीसा सीमा के गांव गरीबा में 3 वर्ष पूर्व बैरियर वनोपज जांच नाका खोला गया था।लेकिन उसमें आज तक चौकीदार की नियुक्ति नहीं किए जाने से जिन उद्देश्यों के साथ वनोपज जांच नाका खोली गई है। वह निरर्थक साबित हो रहा है। वन विभाग को चाहिए उस बैरियर में तत्काल चौकीदार की व्यवस्था करते हुए बंद पडे़ वनोपज जांच नाका को शुरूआत किया जाना चाहिए।

जिला कांग्रेस कमेटी सचिव व सरपंच ग्राम पंचायत गोना सुनील कुमार मरकाम,,वनोपज जांच नाका खोलना ही नहीं था तो निर्माण करके सरकारी राशियों का दुरुपयोग क्यों किया गया है।अगर वन विभाग वन अपराध पर अंकुश लगाना चाहता है तो गरीबा मे बंद पड़े वनोपज जांच नाका मे चौकीदार व्यवस्था करते हुए शुरुआत किया जाना चाहिए। अन्यथा वनोपज जांच नाका गरीबा शोपीस बनकर रह जाएगा।

पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत कोचेंगा निवासी ग्राम गरीबा दुर्जन मरकाम, उड़ीसा सीमा से लगा हुआ ग्राम गरीबा में वन विभाग द्वारा 3-4 वर्ष पहले क्षेत्र मे बढ़ रहे अवैध तस्कर सहित वन अपराध पर अंकुश लगाने के लिए वनोपज जांच नाका बैरियर खोला गया था। वह आज भी बिना जिम्मेदारो के खुला पडा़ हुआ है। भला इससे वन अपराध पर नियंत्रण कैसे हो पाएगा बैरियर चालू होना जरूरी है। गांव के पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार भी मिलेगा साथ ही वन तस्करों पर अकुंश भी लगेगी।