अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल और एसडीओपी मरवाही दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन में थाना गौरेला की टीम ने कार्यक्रम का संचालन किया। पुलिस टीम ने ग्रामीणों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ कड़ा संदेश दिया।
आगे भी जारी रहेगा जागरूकता कार्यक्रम
कार्यक्रम में करीब 500 ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। सभी ग्रामीणों को नशामुक्त रहने की शपथ दिलाई गई। उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया गया।
जीपीएम पुलिस ने कहा कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आगे भी जारी रखेंगे।
अलग-अलग स्कूलों में हुए आयोजन
पुलिस टीमों ने अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों जैसे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टीकरकला, मरवाही आत्मानंद विद्यालय, और कुंजनबाई विद्यालय पेंड्रा में विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में छात्रों को नशे के सामाजिक, मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया और उन्हें नशामुक्त जीवन की प्रेरणा दी गई।
सिर्फ स्कूलों तक ही सीमित न रहकर, यह अभियान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के माध्यम से भी चलाया गया। जागरूकता संदेशों, वीडियो, और शपथ पोस्ट के जरिए हजारों लोगों तक यह अभियान पहुंचाया गया।
डिजिटल रूप से ली शपथ
नागरिकों ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर डिजिटल रूप से शपथ ली और स्वयं को नशा मुक्ति रजिस्टर में पंजीकृत भी किया, जो कि इस अभियान की अभूतपूर्व सफलता का प्रमाण है।
इसके अतिरिक्त, कई विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने स्थानीय पुलिस थानों का शैक्षणिक भ्रमण कर पुलिस की कार्यप्रणाली, शिकायत दर्ज प्रक्रिया, साइबर अपराध की रोकथाम और अपराध जांच से संबंधित जानकारी प्राप्त की।
इस जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से जीपीएम पुलिस ने यह संदेश दिया कि नशे की लत से मुक्ति केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी है।