पहले बढ़ी और फिर गिरने लगी सोने की कीमत, जानिए ताजा गोल्ड रेट

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नई दिल्ली। आज बाजार खुलने के दौरान सोने की कीमत में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, शुरूआती कारोबार में ही सोने में गिरावट भी दिखने लगी। आज का दिन सोने के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रह सकता है। बता दें कि सोना अपने आल टाइम हाई से अब तक करीब 5500 रुपये तक गिर चुका है।

क्या आप एक जिम्मेदार निवेशक हैं?

कल गिरावट दिखाने वाला सोना आज फिर से बढ़त के साथ खुला है। हालांकि, शुरूआती कोराबार में ही सोने में कमजोरी आती भी दिखने लगी। कल 50,766 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ सोना आज 99 रुपये की बढ़त के साथ 50,865 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर खुला। शुरूआती करोबार में ही सोने ने 50,877 रुपये प्रति 10 ग्राम का उच्चतम स्तर भी छू लिया और 50,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक भी जा पहुंचा। बढ़त के बाद गिरावट दिखाने के चलते ये नहीं कहा जा सकता कि सोना और बढ़ेगा या गिरेगा।

कल वायदा बाजार में गिरा था सोना

कमजोर हाजिर बाजार की मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों की कटान की जिससे वायदा बाजार में बृहस्पतिवार को सोने का भाव 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,122 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में दिसंबर का सोना वायदा भाव 211 रुपये यानी 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,122 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इस अनुबंध में 14,045 लॉट के लिये कारोबार किया गया। सोना के फरवरी 2021 महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 162 रुपये या 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,224 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इस अनुबंध में 1,652 लॉट के लिये कारोबार किया गया। न्यूयार्क में सोना 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,918.20 डालर प्रति औंस रह गया।

सर्राफा बाजार में सोने-चांदी का हाल

कमजोर वैश्विक रुख और रुपये के मूल्य में सुधार आने के बीच सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 95 रुपये की हानि के साथ 51,405 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 51,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी की कीमत भी 504 रुपये की गिरावट के साथ 63,425 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले दिन बंद भाव 63,929 रुपये था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में 95 रुपये की गिरावट आई जिसका कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सरार्फा की कमजोर कीमत तथा रुपये के मूल्य में सुधार आना था। बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे की तेजी के साथ 73.54 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना टूटकर 1,918 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि चांदी 24.89 डॉलर प्रति औंस पर लगभग पूर्ववत ही रहा।

देखिए कितना गिरे सोना-चांदी

7 अगस्त 2020, ये वो दिन था जब सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड बनाया। सोने और चांदी दोनों ने ही अपना आॅल टाइम हाई छुआ। 7 अगस्त को सोने ने 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम का आॅल टाइम हाई का स्तर छुआ था, जबकि चांदी ने 77,840 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ था। सोना अब तक करीब 5500 रुपये प्रति ग्राम गिरा है, जबकी चांदी 15,800 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी है।

क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लडते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना अपना आॅल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

एक्सपर्ट्स की मानें तो जारी रहेगा उतार-चढ़ाव

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के जिंस शोध के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी कहते हैं कि सोना ऊंचाई से गिरकर 50 हजार रुपये के दायरे में आया है, जबकि चांदी 60 हजार रुपये के दायरे में आ चुकी है। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में भी उतार चढ़ाव जारी रह सकता है। केडिया कैपिटल के डायरेक्टर अजय केडिया मानते हैं कि स्टिमुलस पैकेज ने शेयर बाजारों के लिए स्टेरॉयड का काम किया। इसी की वजह से शेयर बाजार में तेजी आई है, लेकिन इसे नेचुरल नहीं कहा जा सकता।

सोना सस्ता होगा या महंगा?

सोने में गिरावट की एक बड़ी वजह है पिछले 2 महीनों में रुपये में आई मजबूती। अभी रुपये 73-74 रुपये प्रति डॉलर तक मजबूत हो चुका है, जो कुछ महीने पहले 76-77 रुपये प्रति डॉलर तक कमजोर हो गया था। अगर फिर से डॉलर मजबूत होता है तो सोने में लॉन्ग टर्म में फिर से मजबूती देखने को मिलेगी और डॉलर का फिर से मजबूत होना लगभग तय ही है। यानी सोना अगले साल तक 60-70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

एक नजर सोने और सेंसेक्स की तुलना पर

24 फरवरी 2020 को सोना 41 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था जबकि सेंसेक्स 40,363 के स्तर पर था। 15 मई तक सोना 47 हजार से भी ऊपर पहुंच गया, जबकि सेंसेक्स गिरकर 27,500 के करीब आ गया। कोरोना काल के दौरान 7 अगस्त को सोने ने 56,254 रुपये प्रति 10 ग्राम का आॅल टाइ हाई छू लिया, जबकि सेंसेक्स भी काफी रिकवर होकर 37,600 के स्तर पर पहुंच गया। 30 सितंबर तक सोना गिरकर 50,400 के करीब पहुंच गया है, जबकि सेंसेक्स अभी भी 38 हजार के दायरे में है।

इस बार फेस्टिव सीजन में भी कम रहेगी मांग

अक्टूबर-नवंबर के दौरान अमूमन सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। इसकी वजह है फेस्टिव सीजन का आना। दिवाली के करीब सोना हमेशा चमकता है, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार लोगों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है, जिसका सीधा असर सोने की मांग पर पड़ा है। मुंबई के एक गोल्ड डीलर का कहना है कि इस बार फेस्टिव सीजन के दौरान भी मांग कम ही रहने का अनुमान है, क्योंकि कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं।

कोरोना काल में सोना बना वरदान

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए वरदान है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।