अहंकार में गुजरात के दो गधे तक कहा गया, पर जनता ने ही सबक सिखा दिया था : पीएम मोदी

Chhattisgarh Crimes
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा कि दो लड़कों का खेल पहले भी देखा था, उनमें इतना अहंकार था कि उन्होंने गुजरात के दो गधों का शब्द प्रयोग किया था। लेकिन उन्हें यूपी ने सबक सिखाया। पीएम मोदी ने यूपी और पंजाब चुनाव को लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी।

एएनआई से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले चरण का मतदान गुरुवार यानि कल होना है। इस दौरान यूपी की 58 सीटों पर मतदान किया जाएगा। पीएम मोदी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का नाम लिए बिना हमला बोला। कहा कि ”हमने पहले भी दो लड़कों का खेल देखा था। उनमें इतना अहंकार था कि उन्होंने ‘गुजरात के दो गढ़े (गधे)’ शब्दों का प्रयोग किया। यूपी ने उन्हें सबक सिखाया। एक बार उनके साथ ‘दो लड़के’ और एक ‘बुआ जी’ थे। फिर भी, यह उनके लिए कारगर नहीं हुआ।”

पांच राज्यों में जनता फिर सेवा का मौका देगी

पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा हमेशा लोगों की सेवा में लगी रहती है। जब हम सत्ता में होते हैं, तो हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ काम करते हैं। मैं सभी राज्यों में भाजपा के लिए लहर देख सकता हूं। हम भारी बहुमत से जीतेंगे और 5 राज्यों के लोग हमें उनकी सेवा करने का मौका देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा को जहां भी स्थिरता के साथ काम करने का मौका दिया गया है, वहां आपको सत्ता विरोधी नहीं बल्कि सत्ता समर्थक माहौल मिलेगा। भाजपा हमेशा प्रो-इनकंबेंसी के साथ चुनाव में उतरती है।

हमने जमानतें जब्त होती देखी हैं, बचने पर बांटते थे मिठाई

भाजपा ने चुनाव हार-हार कर ही जीतना सीखा है। हमने बहुत पराजय देखी है, जमानतें जब्त होती दिखी हैं। मैं राजनीति में नहीं था और मुझे याद है कि जनसंघ का चुनाव निशान दीपक था। एक बार जनसंघ के लोग मिठाई बांट रहे थे तो मुझे लगा कि ऐसा क्यों हो रहा है, जब हार गए हैं। तब बताया गया कि हमारी तीन सीटों पर जमानत जब्त होने से बची है।

हमारे लिए चुनाव ओपन यूनिवर्सिटी की तरह हैं, हमेशा सीखते हैं

हम चुनाव जीतने के बाद दिल जीतने की कोशिश में रहते हैं। हम यह कोशिश करते हैं कि जीत सिर पर न चढ़ जाए। हम पराजय में भी सीखते हैं। सोचते हैं कि सामने वाले की रणनीति क्या थी, वह लोगों को गुमराह करने में कैसे सफल रहा। फिर हम आगे की रणनीति बनाते हैं। हर चुनाव से हम सीखते हैं। हमारे लिए चुनाव एक तरह से ओपन यूनिवर्सिटी है।

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