पहले चरण में काली पट्टी से आंदोलन की शुरूआत, 19 सितंबर से शुरू होगा अनिश्चितकालीन हड़ताल
रायपुर। राज्य में संविदा आधार पर नियुक्त स्वास्थ्य कर्मचारी नियमितीकरण संबंधी मांगों को लेकर 19 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। छत्तीसगढ़ प्रदेश ठऌट कर्मचारी संघ के बैनर तले यह आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में कर्मचारियों ने प्रेस विज्ञप्ति की है, जिसमें लिखा गया है कि राज्य में 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं। जो पूरे समर्पण भाव से अपनी सेवा दे रहे हैं। राज्य सरकार के चुनावी जन घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया गया था। घोषणा पत्र के वादों को पूरा करते हुए नियमित पदों पर पहले से कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का समायोजन किया जाना चाहिए था। साथ ही अन्य संविदा पदों के नियमितीकरण की भी प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थी, किन्तु वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में 2100 पदों पर नियमित भर्ती की जा रही है।
इस बाबत छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. संघ द्वारा शासन के उच्च स्तर पर एवं पूरे राज्य के जिला इकाई द्वारा जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर प्रमुख सचिव एवं मिशन संचालक को भी ज्ञापन देकर अपनी मांगों से अवगत कराया गया है। संघ के पदाधिकारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी मांगों के सम्बंध में मिल चुके हैं। अपनी मांगों पर सरकार का कोई सकरात्मक रुझान ना देखकर छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. संघ द्वारा अब आन्दोलन की राह पकड़ ली गई हैक आन्दोलन के तहत 19 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की सूचना छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. संघ द्वारा शासन को दे दी गई है। प्रथम चरण में संघ के सभी 13 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर काम किया।
राज्य के सभी जिला चिकित्सालय, कोविड केयर सेंटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों एवं सभी कार्यालयों में ये नजारा देखने को मिला और मरीज के द्वारा कर्मचारियों से काली पट्टी लगाने का कारण पूछते नजर आए। कारण जानकर उन्होंने भी सरकार के रवैय्ये को असंवेदनशील बताया और नियमितीकरण को किसी भी कर्मचारी का मूल अधिकार स्वीकार कियाक छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. संघ के अध्यक्ष हेमंत सिन्हा एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष राखी शर्मा ने बताया कि संकट की इस घड़ी में वे प्रदेश के कोरोना पीड़ितों का साथ नहीं छोड़ना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने 10 दिनों का समय शासन-प्रशासन को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए दिया है, ताकि उन्हें पर्याप्त समय मिल सके। इसीलिए संघ ने काली पट्टी लगाकर कार्य करना स्वीकार किया है जिससे उनकी मांग और उनकी स्थिति से जनसामान्य अवगत हो सके।