एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों के साथ भेदभावमुक्त व्यवहार हो
रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बुधवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर एड्स एवं एचआईव्ही के नियंत्रण व रोकथाम के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों, शासकीय विभागों, संस्थाओं, समितियों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों तथा स्वयंसेवी संगठनों को सम्मानित किया। उन्होंने सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन के कन्वेन्शन हॉल में आयोजित समारोह में कुल 53 व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं एवं छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना संचालक नीरज बंसोड़ और अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एस.के. बिंझवार भी कार्यक्रम में मौजूद थे। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों के साथ भेदभावमुक्त व्यवहार होना चाहिए। सामान्य नागरिकों की तरह उन्हें भी संविधानप्रदत्त सभी अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा तीसरा राज्य है जहां एचआईव्ही पीड़ितों के शिकायतों के निवारण के लिए लोकपाल की नियुक्ति की गई है। एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों को सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
प्रदेश में 150 परामर्श एवं जांच केंद्र
श्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार जन-स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील है। एचआईव्ही-एड्स पीड़ितों के लिए प्रदेश में 150 परामर्श एवं जांच केंद्र तथा आठ एआरटी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जल्दी ही तीन और एआरटी केंद्र शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एड्स एवं एचआईव्ही के नियंत्रण और रोकथाम में यह बड़ी चुनौती है कि बहुत से लोग अपनी एचआईव्ही अवस्था से अंजान हैं। ऐसे लोगों को स्वैच्छिक परामर्श एवं मार्गदर्शन की जरूरत है। श्री सिंहदेव ने एड्स के नियंत्रण एवं रोकथाम में सहयोग के लिए आज सम्मानित हुए सभी लोगों और संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान की दिशा में भी काम करने की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई कि एड्स के विरूद्ध लड़ाई में आगे भी आप लोगों का सहयोग मिलता रहेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भी रक्तदान बढ़ाने में हम सफल होंगे।
प्रदेश में 45 हजार हैं एडस पीड़ित
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कार्यक्रम में कहा कि एचआईव्ही-एड्स के विरूद्ध अभी लंबी लड़ाई बांकी है। परियोजना संचालक नीरज बंसोड़ ने कहा कि प्रदेश में एड्स के प्रसार की दर में छह गुना की कमी आई है। प्रदेश में इसके संभावित पीड़ितों की संख्या 45 हजार है। इनमें से 30 हजार लोगों तक हम जरूरी सेवाएं पहुंचा रहे हैं। मैदानी गतिविधियों के साथ ही आईईसी और सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। युवाओं में जागरूकता बढ़ाने प्रदेश के 150 कॉलेजों में रेड रिबन क्लब का गठन किया गया है।