बिलासपुर। फर्जी नियुक्ति मामले में डीईओ राजेंद्र झा की मुश्किलें बढ़ गयी है। भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व डीईओ से जवाब तलब किया है। याचिका में कहा गया है कि नियम-कानून की परवाह किये बगैर 400 से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां कर दी। इनमें भृत्य और अनुकंपा नियुक्ति के पद शामिल थे।
आरोप है कि बस्तर डीईओ राजेंद्र झा ने 2013-14 और 2017-18 में बिना विज्ञापन जारी किये ही स्कूलों में 403 पदों पर भृत्य की नियुक्ति कर दी। वहीं तीन अनुकंपा नियुक्ति भी नियम कानून को ताक पर रखकर कर दी। इस मामले में जुलाई में भी बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा की तरफ से कमिश्नर से शिकायत की गयी थी। अब मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।
ये था पूरा मामला
बस्तर जिले के शिक्षा विभाग में वर्ष 2017 में तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र झा व तात्कालिक विभाग जवाबदार अधीनस्थ कर्मचारियों ने 403 भृत्य पद व 3 अनुकम्पा पद पर शासन द्वारा निर्धारित सभी भर्ती नियमों को ताक में रख अपने चेहतों की फर्जी नियुक्तियों कर दी। हैरानी की बात ये है कि सभी ब्लॉकों में पदस्थापना व शासन से बजट लेकर उन्हें तनख्वाह भी जारी कर दिया गया हैं। इस मामले में बस्तर अधिकार सयुक्त मुक्ति मोर्चा ने बस्तर कमिश्नर से मुलाकात कर शिकायत की थी। जिस के पश्चात कलेक्टर व कमिश्रर बस्तर ने अपने स्तर पर जांच कर सम्पूर्ण मामले की जानकारी सम्बंधित कार्यलय से मांगी गई थी जिसमें सम्बंधित कार्यलय के दो जिला शिक्षा अधिकारी व 1 डिप्टी कलेक्टर द्वारा पूरे मामले की जांच कर जो प्रतिवेदन कलेक्टर व कमिश्रर को उनके पत्र के एवज में सौपे उस रिपोर्ट में शिकायत के बिन्दुओ को सही पाया गया और यह बताया गया है। कि तात्कालिक जिला शिक्षा अधिकारी व कार्यालय कर्मचारियों द्वारा भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार से शासन द्वारा निर्धारित नियमो का पालन नहीं किया गया है। वह पूरी भर्ती ही नियम विरुद्ध है। इस पूरी जांच प्रक्रिया में तथ्यों को सही पाए जाने के बाद भी सरकारों में न ही अब तक भर्तियों को निरस्त किया गया है और न ही अब तक दोषियों पर कोई कार्यवाही कर आपराधिक मामला पंजीबद्ध किया गया है।