पूरन मेश्राम/ मैनपुर। अपने परिवार चलाने के लिए जिन परिवारों को आर्थिक तंगी झेलना पड़ता हो बड़ी मुश्किलों से मेहनत मजदूरी करके परिवार के पालन पोषण करने वाला जिम्मेदार मुखिया जिनके ऊपर दोहरी झमेला आ जाए तो उसके ऊपर क्या बीतता होगा समझा जा सकता है।
रहने के लिए टूटे फूटे झोपडी नुमा मकान अंग ढकने के लिए फटे पुराने कपड़ा एवं खाने के लिए थाली में बस पेट भरने लायक हो जिनका सहारा देने वाला शासन प्रशासन से आदिम जनजाति परिवार गुहार लगाया है।
मामला कहां का और कैसा
विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ ग्राम पंचायत कोचेंगा के आश्रित ग्राम भाँठा पानी जहां पर आदिम जनजाति कमार परिवार रमली बाई पति दशरू राम, गोन्ची बाई पति रनसाय, गोपी राम पिता रूपसिंह कमार एवं ग्राम मौहानाला के मानकू राम पिता सोमा राम मरकाम, समुन्द राम पिता नथलू राम सोरी एवं मानसिंह पिता मेहत्तर राम मरकाम जिनका सात दिन पूर्व आए भयंकर बारिश से रहने वाले झोपड़ी नुमा मकान टूट कर क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण झिल्ली के सहारे अंधेरों में रहकर विषैले सांप बिच्छूओ से परिवार को बचाने जद्दोजहद करने मजबूर है। जिले के कलेक्टर से विपत्ति ग्रस्त परिवारों के द्वारा क्षतिपूर्ति राशि दिलाने मांग किए हैं।