कोपरा पंचायत के दर्जनों पदाधिकारियों सहित सैकड़ों कांग्रेसकार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा

Chhattisgarh Crimes

गरियाबंद। दर्जनों पदाधिकारियों सहित गांव के अधिकतर कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़ने का मन बनाया है। नाराज पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओ ने अपना इस्तीफा पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जिला प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेष शुक्ल, जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू और ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को भेज दिया। हालांकि अभी किसी का इस्तीफा मंजूर नही हुआ है। मामला कोपरा पंचायत है। इस्तीफे के पीछे गांव की सरपंच पर कार्यवाही में विधायक द्वारा ग्रामीणों का साथ नही देने बताया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार गांव की महिला सरपंच डॉ डाली साहू पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप है। ग्रामीण सरपंच पर कार्रवाई चाहते है। मगर ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक अमितेष इस मामले में उनका साथ नही दे रहे है। बल्कि ग्रामीणों ने विधायक पर सरपंच को साथ देने का आरोप लगाया है। ग्रामीण विधायक के इस रवैये से नाराज है और गांव के सभी नाराज कांग्रेस पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओ ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला लिया है। इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओ ने उच्च पदाधिकारियों को भेजे पत्र में भी इस बात का जिक्र किया है। समूह इस्तीफा पत्र में लिखा है कि विधायक अमितेष द्वारा उनका सहयोग नही करने से वे हताश है और अपने पद एवं पार्टी से इस्तीफा दे रहे है।

कोपरा निवासी एवं जिला कांग्रेस महामंत्री राजेश यादव ने बताया कि वे गांव की सरपंच मामले में विधायक के रुख से नाराज है। गांव के ज्यादातर कांग्रेसी विधायक के इस रवैये से खुश नही है इसलिए 4 जिला महामंत्री, दो ब्लॉक महामंत्री सहित गांव के 200 से अधिक कार्यकर्ताओ ने सामूहिक इस्तीफे का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि इस्तीफे की कॉपी उच्च पदाधिकारियों को भेजी जा रही है। इस्तीफा देने वालो में स्वयं जिला महामंत्री राजेश यादव, ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू और मोतीलाल साहू शामिल है इसके अलावा दो ब्लॉक महामंत्री रिकेश साहू ओर नंदकुमार साहू सहित 200 से अधिक गांव के कार्यकर्ता शामिल है।

बड़ी तादाद में पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओ का इस तरह इस्तीफा देना पार्टी की सेहत के लिए कतई सही नही है। कोपरा राजिम विधानसभा का सबसे गांव है। अहम बात ये है कि ये गांव कांग्रेस का गढ़ रहा है। ऐसे में गांव के सभी कांग्रेसियों का एक साथ समूह इस्तीफा देना कांग्रेस पार्टी के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है।

हालाकिं जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू ने बताया कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी मिली है। किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर नही किया जाएगा। मामले को बैठकर सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।