मुंबई। डॉक्टर पति की लंबी ड्यूटी से तंग आकर पत्नी ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने एफआईआर दाखिल कर दी। महिला ने कोर्ट को बताया कि कोविड-19 की लंबे समय तक ड्यूटी की वजह से उनका रिश्ता भारी तनाव से गुजर रहा है। हालांकि कोर्ट ने महिला की एफआईआर रद्द कर दी।
माइक्रोबायॉलजी की प्रफेसर महिला ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की पीठ को बताया कि उसकी शादी को 20 साल हो गए हैं। कोविड-19 महामारी के शुरूआती दिनों में काम के तनाव के कारण उनकी शादीशुदा जिंदगी प्रभावित हुई। महिला ने कहा कि एफआईआर मार्च में घरेलू हिंसा के आरोपों के तहत दर्ज हुई।
कोरोना की शुरूआत में काम का बोझ बढ़ा
उस समय दंपती एक दिन में 18 घंटे तक काम करते थे। अदालत हालांकि महिला के पति से पूछताछ करना चाहती थी लेकिन पुणे निवासी महिला ने कहा कि उसके पति एक सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर हैं। महिला ने अदालत को सूचित किया, ह्यमार्च और अप्रैल में जब अस्पतालों में कोरोना वायरस से जुड़े कामों का बोझ बढ़ा तो काफी तनाव था। हम प्रति दिन 18 घंटे काम करते थे और इससे काफी गलतफहमियां हुईं।
दंपती ने साथ-साथ रहने का फैसला किया
डिजिटल सुनवाई के दौरान महिला ने पीठ को बताया कि काउंसिलिंग के बाद दो बच्चों वाले दंपती ने साथ-साथ रहने का फैसला किया। एफआईआर को रद्द करते हुए पीठ ने कहा कि यह जानकर काफी खुशी हुई कि दंपती ने मतभेदों को सुलझाने और साथ रहने का निर्णय किया।
डॉक्टरों के प्रति विशेष सम्मान
अदालत ने कहा कि डॉक्टरों के प्रति उनका काफी सम्मान है जो महामारी से लड़ने में पूरे देश में दिन-रात काम कर रहे हैं और वह भी अपनी और परिवार की जिंदगी की कीमत पर।