रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल खरीफ सीजन में धान की नियमित फसल लेने वाले किसानों को नए सिरे से पंजीयन कराने की जरूरत नहीं होगी लेकिन पिछले साल के पंजीकृत किसान अगर सामान्य धान की जगह दूसरी फसल लगाते हैं तो उन्हें नया पंजीयन कराना होगा तभी उन्हें राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिल सकेगा। खास बात ये भी है कि अगर किसी किसान ने सामान्य धान की जगह सुगंधित या फोर्टिफाइड धान उगाया तो भी उसे नए पंजीयन के बाद ही न्याय योजना का लाभ मिल सकेगा।
राज्य में किसानों के बीच धान के पंजीयन व राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के मामले को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। किसान भ्रमित हैं कि उन्हें न्याय योजना का लाभ लेने के लिए नया पंजीयन कराना होगा या नहीं। यही नहीं नई फसलें उगाने के बाद योजना का लाभ किस प्रकार मिलेगा इसे लेकर भी किसान असमंजस में हैं।
अन्य फसलों के लिए पंजीयन आवश्यक
कृषि एवं सहकारिता के जानकारों की मानें तो नई व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई किसान जो पिछले साल धान उत्पादक के रूप में पंजीकृत रहा है उसे नया पंजीयन कराने की जरूरत नहीं होगी। उसका पिछले साल का डाटा कैरी फारवर्ड हो जाएगा लेकिन यदि रकबे में कोई बदलाव हुआ है तो उसे संशोधित कराना आवश्यक होगा। इसके उलट किसी किसान ने अगर पिछले साल धान की फसल ली है इस बार वह सोयाबीन या कोई अन्य फसल लगाता है तो उसे पंजीयन कराना होगा तभी किसान न्याय योजना का लाभ प्रति एकड़ 10 हजार रुपए तक मिल सकता है।
सुगंधित या फोर्टिफाइड राइस के लिए नया पंजीयन
राज्य में खरीफ सीजन-2021 में धान की प्रचलित किस्मों के उत्पादन वाले पंजीकृत रकबे में सुगंधित एवं फोर्टिफाइड धान के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा किसानों से संपर्क कर इसके लिए उन्हें प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। बीते खरीफ सीजन में धान की प्रचलित किस्मों के उत्पादन वाले रकबे में यदि किसान द्वारा खरीफ सीजन-2021 में सुगंधित एवं फोर्टिफाइड धान का उत्पादन किया जाएगा तो संबंधित कृषक को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के प्रावधान के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रुपए की इनपुट सब्सिडी देगी।
अन्य फसल या वृक्षारोपण पर मिलेंगे 10 हजार
वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान का विक्रय किया था यदि वे वर्ष 2021-22 में धान के बदले अन्य फसल लेते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपए तथा जो पेड़ लगाते हैं उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए किसानों को नया पंजीयन कराना होगा तभी योजना का लाभ मिलेगा।