खास खबर; बड़े-बड़े बांध और नहर बनाने वाला सिंचाई विभाग अपने कर्मचारियों को रहने लायक घर उपलब्ध कराने में नाकामयाब

सरकारी भवन की हालत ऐसी की बारिश के दिनों छत से टपकते पानी से बचने झिल्ली का सहारा लेते हैं कर्मचारी

पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

Chhattisgarh Crimes

देवभोग। बड़े-बड़े बांध और नहर बनाने में जिस विभाग का कोई मुकाबला नहीं है उसी विभाग का हाल यह है कि वह अपने कर्मचारियों को रहने लायक घर तक मुहैया नहीं करा पा रहा है…. जी हां हम बात कर रहे हैं सिंचाई विभाग की जिसके नाम बड़े-बड़े बांध और नहर बनाने में शुमार है पर हैरत तब होती हैं जब उसी विभाग के कर्मचारियों को रहने लायक एक अदद मकान भी नहीं मिल पाता है।

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हम बात कर रहे हैं गरियाबंद जिला के अंतिम छोर में बसे ब्लॉक मुख्यालय देवभोग की जहां पर सिंचाई विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को बरसात के दिनों में अपने कॉलोनी में अगर रहना है तो सर छुपाने के लिए झिल्ली डालकर रहना मजबूरी हो गई है। सिंचाई कॉलोनी के सभी आवास की छत खपरेल से बनी हैं, ऐसे में समय अनुसार मरम्मत नहीं करने के चलते उसमें से पानी टपकने लगता है। स्थिति यह है कि पानी टपकने से अधिकारी और कर्मचारियों का आवास में रह पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे जर्जर भवन में अधिकारी और कर्मचारी निवास करते है। यहां रहने वाले कर्मचारियों को ही अपने खर्चे से आवास के छत में तालपतरी डालकर रहने को मजबूर है। कर्मचारियों ने दबी जुबान में कहा कि भवन का खपरेल नुमा छत पूरी तरह से जर्जर हो चुका है जिसकी मरम्मत की आवश्यकता है। वहीं मरम्मत नहीं होने के कारण छत में झिल्ली डालकर रहना मजबूरी हो गई है।

चार दशक पहले हुआ था निर्माण यहां यह बताना लाजमी होगा कि देवभोग में सिंचाई विभाग के आवास का निर्माण 1975 और 80 के दौरान किया गया था, वहीं निर्माण के बाद आज तक एक भी बार विभागीय स्तर से कमरों की मरम्मत नहीं करवाई गई है। ऐसे में समय पर मरम्मत नहीं होने से भवन भी जवाब देने लगे है, स्टोर रूम का समय पर मरम्मत नहीं होने से उसके दीवार ढहने लगा है। वहीं लकड़ियां भी सड़ने लगी है। यहां पर आप यह सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि भवन की लकड़ी का छत भी सड़कर नीचे गिर चुका है उसके बाद भी जिम्मेदारों ने अब तक सुधि नहीं ली है।

यहां के भवनों के हालात कितने बदतर स्थिति में हैं कि सिंचाई विभाग के दफ्तर में भी बड़ी झिल्ली डालकर उस छत के नीचे दफ्तर का संचालन किया जा रहा है। सिंचाई विभाग का सभी सरकारी आवास मरम्मत की मांग कर रहा है, वहीं समय पर मरम्मत नहीं होने से सभी सरकारी आवास जवाब देने लगे है।