इन 20 सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी मोदी सरकार, 6 पर ताला जड़ने की तैयारी

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही के दौरान वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार 20 सरकारी कंपनियों और उनकी इकाइयों की हिस्सेदारी बेच रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि 6 सरकारी कंपनियों को सरकार बंद करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार विनिवेश के लिए रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री नीति का पालन करती है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि नीति आयोग की ओर से तय किए गए मानदंडों के आधार पर सरकार ने 2016 से 34 मामलों में रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी है। इनमें से 8 में विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 6 सीपीएसई को बंद करने पर विचार किया जा रहा है और 20 अन्य में प्रक्रिया अलग-अलग चरण में है।

मोदी सरकार जिन कंपनियों को बंद करने का विचार कर रही है उनमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड, स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्टूकिल्स लिमिटेड शामिल हैं।

वहीं, जिन कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया अलग-अलग चरणों में हैं, वे हैं- प्रोजेक्ट एंड डिवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ को इंडिया लिमिटेड, यूनिट्स आफ सीमेंट कॉपोर्रेशन आफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआई), सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, नागरनर स्टील प्लांट, अलोय स्टील प्लांट, दुगार्पुर, सालेम स्टीम प्लांट, भद्रावती यूनिट्स आॅफ सेल, पवन हंस, एयर इंडिया और इसकी पांच सब्सिडियरी और एक जॉइंट वेंचर।

इसके अलावा एचएलएल लाइफ केयर लिमिटेड, इंडियन मेडिसिन एंड फामार्शूटिकल्स कॉपोर्रेशन लिमिटेड, इंडियन टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉपोर्रेशन (आईटीडीसी), हिन्दुस्तान एंटीबायोटिक्स, बंगाल केमिकल्स और फामार्शूटिकल्स, भारत पेट्रोलियम लिमिटेड, नूमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड में बीपीसीएल की हिस्सेदारी, शिपिंग कॉपोर्रेशन आॅफ इंडिया, कंटेनर कॉपोर्रेशन आफ इंडिया और नीलांचल इस्पात लिमिटेड में रणनीतिक बिक्री चल रही है।

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