वन विभाग तौरेंगा परिक्षेत्र मे तालाब निर्माण के नाम पर लाखों रुपया भ्रष्टाचार करने का अंदेशा

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। उदंती वन मंडल तौरेंगा परिक्षेत्र के अंतर्गत राजापड़ाव क्षेत्र बफर जोन के जंगलों में रह वास कर रहे वन्य प्राणियों को गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के लिए जगह जगह डबरी नुमा तालाब निर्माण हाल में ही वन विभाग के द्वारा कराया गया है।

जहां खुलेआम वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा वन कानून को दरकिनार करते हुए वन प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों से सलाह मशविरा किए बिना जेसीबी मशीन से डबरी नुमा तालाब का निर्माण किया गया है। जहां पर मजदूरों से कम काम और ठेकेदारों से ज्यादा कराया गया है। जिसमें फर्जी मस्टररोल का जमकर उपयोग होने का 100% अंदेशा है। भ्रष्टाचार की हद तब हो गई जब पहले से लाखों रुपए खर्च करके डबरी निर्माण किया गया था। जिसमें गर्मियों के दिनों में जलभराव भी था। उसी में ही नया तालाब निर्माण करके वन्य प्राणियों के प्यास बुझाने के लिए शासन के द्वारा आवंटित लाखों रुपए बजट का जमकर बंदरबांट भी किया गया है। जिसका निष्पक्ष जांच हो तो,, गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा हो सकता है। होली के सीजन में मनरेगा कार्यरत मजदूरों का भुगतान नहीं आने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे मजदूरों के द्वारा वन विभाग के द्वारा कराया जा रहा निर्माण कार्यों में कार्य करने की जिज्ञासा जाहिर करने के बाद भी निर्माण कार्य मे साफ सफाई के नाम पर 10 -12 मजदूरों को ही काम पर नहीं ले जाते हुए निर्माण कार्यों को अंजाम देते हुए खुलेआम जेसीबी से कार्य कराया गया है। एक तालाब निर्माण में लगभग 1 सप्ताह तक के जेसीबी से काम करवाया गया होगा ऐसा देखने पर पता चलता है।वन विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा निर्माण कार्य के समीप सूचना पटल भी नहीं लगाते हुए गड़बड़ियों पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया है। डबरी नुमा तालाब निर्माण का लागत, मजदूरी पर व्यय, जेसीबी पर व्यय सहित तमाम कितने लाख रुपये का एक तालाब का निर्माण कराना है। इसका भी स्पष्ट जानकारी वन प्रबंधन समिति को नहीं दी गई है।

शासन के नियमो को दरकिनार कर वन विभाग व ठेकेदार द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। ऐसा प्रथम अंदेशा लगता है।
एक ओर वन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जंगल इलाकों में विकास की गंगा बहाने के लिए कई योजना के माध्यम से ग्रामीणों व पशु पक्षियों की जीवन रक्षा के लिए करोड़ों की राशि स्वीकृत कर निर्माण कार्य कराया जाता है। जो धरातल पर सही हो रहा है कि नहीं इसको देखने वाला कोई नहीं है। जिसका वजह बियाबान जंगल का नाम सुनकर लोग डरते हैं। ग्रामीण मुखियाओं के द्वारा वन विभाग तौरेगा परिक्षेत्र के द्वारा कराया गया डबरी नुमा तालाब निर्माण का वास्तविकता की जांच कराने की मांग को लेकर बहुत जल्द राजधानी पहुंच वन मंत्री से शिकायत करने की बात कही गई है।

 

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी जनप्रतिनिधि

बार-बार फोन लगाने का प्रयास किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं की गई

मिलन राम वर्मा, वन परिक्षेत्राधिकारी तौरेगा

जिम्मेदार अधिकारी वनपरिक्षेत्रा धिकारी से बात करके जानकारी ले सकते हैं। मैं सक्षम नहीं हूं।

उपवन परिक्षेत्राधिकारी, परमेश्वर डड़सेना

जहां पर वन विभाग के द्वारा डबरी नुमा तालाब निर्माण किया गया है। जहां पर मजदूर कार्य करने के लिए जाने वाले थे। वहां मजदूरों को सिर्फ साफ-सफाई के लिए ही रखा गया था।पूरा काम जेसीबी से करवाया गया है।
आधा अधूरा कार्य जो हुआ है। उसका निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

कृष्ण कुमार नेताम, सरपंच ग्राम पंचायत अड़गडी़