गरियाबंद। देवभोग ब्लॉक के ग्राम पंचायत सीनापाली के सरपंच पति सुधीर अग्रवाल ने जिस पंचायत में सुधीर अग्रवाल की पत्नी सरपंच है उसी पंचायत में ही वेंडर सुधीर अग्रवाल ने मां गायत्री ट्रेडर्स धोबनमाल के नाम से नाली निर्माण में चार लाख रुपए का बिल लगाकर राशि का आहरण किया। पंचायत राज अधिनियम 1993 की मानें तो ग्राम पंचायत के सरपंच पंच व सचिव व उनके परिजन अपने पंचायत में बिल नहीं लगा सकते लेकिन सीनापाली ग्राम पंचायत के सरपंच ने पंचायत राज अधिनियम 1993 को ताक में रखकर अपने ही पंचायत सीना पाली में लाखों रुपए का बिल लगा दिया। सीनापाली के सरपंच ने पंचायत राज अधिनियम 1993 के धारा ग की धज्जियां उड़ाया है धारा 40 ग जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि सरपंच अपने परिवार के सदस्यों को पंचायत में लाभ नहीं दिला सकता लेकिन सीना पाली सरपंच ने नियम विरुद्ध अपने पंचायत में अपने पति को लाभ दिलाया है।
अब पंचायत में ऐसा भी नहीं है कि ग्राम पंचायत के सरपंच को पंचायती राज अधिनियम की जानकारी ना हो सरपंच को पंचायती राज अधिनियम की जानकारी होते हुए भी पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाना गंभीर विषय है। सीनापाली पंचायत के सरपंच को ऐसी कौन सी मजबूरी आन पड़ी जो अपने पति का ही बिल ग्राम पंचायत में लगाना पड़ा इससे यह भी जाहिर होता है कि सरपंच ने भ्रष्टाचार करने की मंशा व बिल से प्रतिशत के रूप से प्राप्त लाभ कमाने अपना पति का बिल अपने ग्राम पंचायत में लगाया है।
बीते दिनों ऐसा ही मामला छुरा विकासखंड के भी ग्राम पंचायत में आया था जिसे जनपद पंचायत सीईओ ने गंभीरता से लेकर सरपंच के ऊपर पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्यवाही की है। हमने बीते दिनों ग्राम पंचायत घोघर के भी सरपंच के द्वारा पंचायत राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाने की खबर प्रमुखता से चलाई थी लेकिन खबर के बाद भी जिम्मेदारों ने अब तक नगर पंचायत के सरपंच के ऊपर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की अब देखना यह होगा कि इस खबर के बाद से जिम्मेदार कितने दिनों में इन सरपंचों के ऊपर कार्यवाही करते हैं।
जब इस संबंध में हमने ग्राम पंचायत सीनापाली के सरपंच पति सुधीर कुमार अग्रवाल से बिल के संबंध में बात की तो उन्होंने गोलमोल जवाब देकर बात को घुमाया। ( सरपंच पति सुधीर अग्रवाल) आपके माध्यम से मामले की जानकारी मिली है अगर ऐसा है तो इस पंचायत के जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाएगी
( एम एल मंडावी सीईओ देवभोग)