पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज ने पुलिस सभागार का फीता काटकर किया शुभारंभ

कम संसाधनों में शुरुआत करना औऱ अंजाम तक पहचाना एक बहुत ही बढ़िया उदाहरण- आईजी श्री डाँगी

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। जीपीएम जिले में पुलिस विभाग की आधार भूत संरचनाओं को बढ़ाने के लिए संकल्पित आईजी बिलासपुर रेंज श्री रतन लाल डांगी अपने एक दिवसीय प्रवास पर जीपीएम जिला पंहुंचे । इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक डांगी जीपीएम जिले के गौरेला स्थित पुलिस कन्ट्रोल रूम में जिले के नवीन सभागार का उदघाटन फीता क़टकर किये।

उदघाटन समारोह में उपस्थित पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार जिले से बिदाई लेते हुए अपने उदबोधन में कहे कि जब यह 28 वां जिला मुझे मिला तब से आज तक इस जिले को बच्चे की भांति देखभाल की जरूरत पड़ी है। नए जिले में एक अच्छी पुलिसिंग को स्थापित करना आसान नही था ,पर बड़े अधिकारियों औऱ साथ काम करने वाले स्टाफ की निष्ठा से नए जिले में सुचारू कानून व्यवस्था बनाना संभव हो पाया। कैसे कोरोना काल मे आम जनता की सुरक्षा के लिए बंदिशे लागू की गयी , जरूरतमंदो को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी और अपराधियों को दंडित किया गया। आज मेरा इस जिले में अंतिम कार्य दिवस है , यंहा से मैं एक अच्छी यादें ले कर जाऊंगा।

अपने संबोधन में आईजी श्री डाँगी ने कहा कि गौरेला पेंड्रा मरवाही को जिला बने अभी एक साल चार महीने ही बीते हैं। जिले के स्थापना के बाद आइपीएस श्री सूरज सिंह परिहार को इस नए जिले को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी दी गई थी जिसे एसपी और उनकी टीम ने बखूबी निभाया है और एक अच्छी पुलिसिंग का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। कम रिसोर्सेस में शुरुआत करना औऱ अंजाम तक पहचाने का एक बहुत ही बढ़िया उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिस प्रकार नए जिले के अस्तित्व में आने के बाद गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में इंफ्रास्ट्रक्चर और भवनों का अभाव रहते हुए पुलिस विभाग ने अपना काम किया है, उसमें कुछ परेशानियां तो आती है ,पर जो अधिकारी अभाव में भी अच्छा काम कर आम जनता के समक्ष लॉ एंड आर्डर को कायम रखा है ,यही पुलिस की धैर्यता और अभाव में बढ़िया काम का उदाहरण है। फिलहाल आने वाले कुछ समय मे जिले के सभी आवश्यक भवनों और स्टाफ की कमी को पूरा कर लिया जाएगा जिसपे काम भी शुरू हो चुका है।

पुलिस महानिरीक्षक श्री रतन लाल डाँगी ने अधिकरियों को नसीहत दी कि कभी भी किसी को अपने कम्फर्ट जोन के साथ नही चलना चाहिए क्योंकि कंफर्ट जोन में पहुचा अधिकारी सही तरीके से काम नही कर पाता है, वह अपने उद्देश्य को छोड़ कर अपने कम्फर्ट की तरफ भागने की कोशिश करता है। नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही आदिवासी बैगा बाहुल्य इलाका है। यहां के रहवासी भोले भाले हैं ऐसे में पुलिस की गतिविधियों से और अन्य माध्यमों से उनके बीच में यह संदेश जाना चाहिए कि जिला बनने से क्या लाभ हुआ है। शासन ने जिला बनाया है तो अच्छे के लिए बनाया है ।पुलिस का व्यावहारिक होना बहुत जरूरी है। पुलिस कार्यवाही करें परंतु समझाइश देकर। पुलिसिंग बहुत संवेदनशील विषय है। यहां पुलिस का व्यवहारिक होना बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिभा तिवारी, श्री गौरव मंडल, अनुविभागीय अधिकारी श्री अशोक वाडेगावकर, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुगण एवं काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।

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