रायपुर. जेलों से पैरोल पर छूटे बंदियों की अवधि समाप्त होने के बाद नहीं लौटने वालों पर जेल प्रशासन सख्त हो गया है। अब ऐसे बंदी व कैदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी, जो महीनों से फरार हैं। यही नहीं, जेल में बेहद अच्छा आचरण पर मिलने वाली माफी में भी कटौती होगी। इसके लिए जेल प्रशासन ने सभी जेल अधीक्षकों को पत्र लिखकर फरार कैदियों के खिलाफ केस दर्ज कराने निर्देश दिए हैं। इसके बाद सेंट्रल जेल रायपुर व अंबिकापुर के फरार कैदियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
दरअसल कोरोना संक्रमण का दबाव कम करने बंदियों व कैदियों को बीते 26 मार्च 2020 से 21 जनवरी 2021 तक पैरोल पर छोड़ा गया था। इस अवधि के बाद बंदियों को जेल लौटकर सरेंडर करना था, लेकिन 36 बंदी लौटने के बजाय फरार हो गए। अब ऐसे बंदी कब तक जेल लौटेंगे, ये बड़ा सवाल है।
सजा माफी में भी होगी कटौती
अफसरों के मुताबिक ऐसे सजायाफ्ता कैदी, जो सजा के दौरान जेल में अच्छा आचरण करते हैं, उनकी सजा में छूट दी जाती है, जिसे माफी कहते हैं। पेरोल से फरार कैदियों की माफी की कटौती की जाएगी। अगर बंदी पैरोल की निर्धारित अवधि से फरार हैं, तो एक दिन के फरार हाेने के एवज में पांच दिन की माफी में कटौती की जाएगी।
3 फरार कैदियों पर केस दर्ज
जानकारी के मुताबिक सेंट्रल जेल से पेरोल पर छूटे तीन कैदी नहीं लौटे। वे महीनों से फरार चल रहे हैं। तीनों आरोपी आजीवन कारावास के सजायाफ्ता मुजरिम हैं। इनमें दो आरोपी ग्राम कोरासी खरोरा निवासी राजीव कुमार और ग्राम धीवरा खरोरा निवासी चंद्रकांत वर्मा के खिलाफ खरोरा पुलिस ने केस दर्ज किया है। वहीं, सोहेल अली उर्फ जिमी निवासी सरकारी कुआं मस्जिद के पास कोटा सरस्वतीनगर पर केस दर्ज किया गया है।