जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं ग्रामीण, नहीं मिल रहा सस्ता चावल

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। सरकार जन हितकारी योजना इसलिए बनाती है ताकि योजनाओं के तहत लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके पर अगर जिम्मेदार अफसर, पंचायत प्रतिनिधि ही सरकारी योजनाओं पर पानी फेरने लगे तो ऐसे में कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीण उठा सकते हैं। गरियाबंद जोकि आदिवासी बहुल जिला के अंतर्गत आता है और यहां देवभोग और मैनपुर क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण राशन कार्ड के अभाव में सरकारी योजना के तहत मिलने वाले सस्ते राशन से वंचित है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोई भी व्यक्ति राशन से वंचित ना रहे इसलिए सभी को सरकारी राशन दुकान से सस्ते राशन देने का आदेश प्रसारित किया है पर जिस प्रकार से गरियाबंद जिले के देवभोग व मैनपुर क्षेत्र में लोगों को सरकारी राशन नहीं मिल रहा है उससे ऐसा लगता है कि यहां के अधिकारियों में ना तो मानवता है और ना ही मुख्यमंत्री के आदेश को मानने में कोई दिलचस्पी है।

यहां पर हम आपको बता दें कि देवभोग विकासखंड से महज 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत मुड़ागांव में 7 गरीब मजदूर परिवार सरकारी सस्ता राशन से इसलिए वंचित हैं क्योंकि उनका राशन कार्ड नवीनीकरण होकर नहीं आया है। वे पिछले 8 माह से अपने राशन कार्ड के आने की बाट जोह रहे हैं। गरीब मजदूर परिवार को राशन कार्ड के अभाव में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ हाल मैनपुर विकासखंड के आदिवासियों का है। ग्रामीणों ने महीनों पहले नवीनीकरण के लिए समस्त दस्तावेज पंचायतों के माध्यम से जमा कराया है पर बावजूद इसके खाद्य विभाग द्वारा अब तक ग्रामीणों को राशन कार्ड जारी नहीं किया गया है।

महत्वपूर्ण योजनाओं पर पलीता लगाया जा रहा है : नेताम

जिला पंचायत गरियाबंद के उपाध्यक्ष संजय नेताम का कहना है कि खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी सार्वभौमिक राशन कार्ड जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर लापरवाही कर राज्य शासन की छवि को भूमि करने में लगे हैं ऐसी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं। उन्होंने कहा है कि वे ग्रामीणों की समस्या को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री, खाद्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे और शीघ्र ही राशन कार्ड दिए जाने की मांग करेंगे।

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