मैनपुर। फोन पर कॉल कर खुद को ब्रांडेड कंपनी का अधिकारी बताकर ग्रामीण इलाकों में जनता से जालसाजी करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। दो अज्ञात व्यक्ति ने अपने आप को अधिकारी बताते हुए मोबाइल फोन के माध्यम से दो सप्ताह पूर्व विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से 22 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत कोकड़ी के पारा डूमरबुड़रा के आंसूलाल मरकाम पिता पहाड़ सिंह मरकाम को फोन से बातचीत कर अपने माया जाल में फंसा लिया गया। और लोक लुभावन मोबाइल से बात करते हुए बताया कि हमारे कंपनी के द्वारा मोबाइल बहुत कम रेट में मिलता है। आप चाहेंगे तो मंगा सकते हैं। आशु लाल के द्वारा मना करने के बाद भी उन लोगों ने ऐसा खेल खेला जिससे आशु लाल को उन लोगों के जाल में फंसते देर नहीं लगी। और दे डाला मोबाइल खरीदने के लिए आर्डर। फिर क्या था। दो सप्ताह के बाद आज पोस्टमैन शोभा के द्वारा urban marketing d. 00/292 sector -1 rohini delhi-110085 आशुलाल के नाम का स्पीड पोस्ट डाक लेकर उनके गांव डूमरबुडरा पहुंचा। पोस्टमैन के द्वारा नियम के तहत स्पीड पोस्ट को छुड़ाने के एवज में 4500 जमा करने की बात कही गई। आशु लाल के द्वारा आर्डर में आया माल का राशि देने ही वाला था। लेकिन अचानक आर्डर को खोलकर वही देखा गया तो वहां पर पोस्टमैन एवं मौजूद लोगों ने हैरानी में पड़ गए। उसमें एक पर्स और बेल्ट अंदर में भरा मिला। अब यहां पर सवाल उठता है। आशुलाल के द्वारा स्पीड पोस्ट को छुड़ाने की एवज में ? 4500 दे या क्या करें। पीड़िता के द्वारा पुलिस थाना शोभा में प्राथमिकी सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही गई है।
इस संबंध में क्या कहते हैं डाक विभाग के अधिकारी
आजकल लोग आनलाइन शॉपिंग करते हैं। हमारी विभाग की जिम्मेदारी है कंपनी के माल को आर्डर किया है उन तक सही सलामत पहुंचाना। क्योंकि डाक विभाग के पास कंपनी वाले बुकिंग करते हैं। पहले लोगों को बोलते हैं। नहीं छुड़ाना है तो माल को वापस पहुंचा दिया जाएगा। अगर चाही गई माल नहीं मिला है तो संबंधित कंपनी के ऊपर माल पाने वाले को तत्काल एफ आई आर दर्ज करवानी चाहिए।
के. के. तुरकर, इस्पेक्टर डाक विभाग गरियाबंद