जिस कंपनी में 12 साल नौकरी की, उसी में गार्ड ने चोर समझकर मारी गोली, कंपनी ने भी झाड़ा पल्ला

Chhattisgarh Crimes

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में ईकोर्टक-3 स्थित एक कंपनी में सिक्यॉरिटी गार्ड की गोली से मारे गए युवक के मामले में नया खुलासा हुआ है। बुधवार सुबह मृतक के परिजन ने कोतवाली पहुंचकर शव की शिनाख्त चंद्र प्रताप के रूप में की है। परिजन का दावा है कि जिस कंपनी में चोर समझकर उसकी हत्या कर दी गई है, वह उसी कंपनी में 12 साल से नौकरी कर रहा था। लॉकडाउन में कंपनी बंद होने पर अपने घर चला गया था।

एक महीने पहले घर से कंपनी में नौकरी करने और अपना पीएफ के रुपये निकालने की बात कहकर आया था। परिजन का आरोप है कि हत्या के बाद कंपनी मैनेजमेंट ने पीएफ हड़पने और हत्या का मुकदमा होने के डर से पहचानने से इनकार कर दिया। परिजन युवक की मौत को संदिग्ध मान रहे हैं। उन्होंने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

गौरतलब है कि रविवार रात ईकोटेक-3 में एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड ने चोर होने के शक और हमले के डर से गोली चला दी। गोली से घायल की उपचार के दौरान मौत हो गई।

पुलिस ने कही इनाम देने की बात!

पुलिस ने सिक्यॉरिटी गार्ड की बहादुरी को देखते हुए उसे ईनाम देने की भी बात कही है। वहीं, मारे गए युवक की पहचान चंद्रप्रताप निवासी ग्राम सुलेमपुर जिला अंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। चंद्रप्रताप के भाई अभय सिंह निर्भीक ने बताया कि कंपनी ने एक महीने पहले उन्हें नौकरी से निकाल दिया था। इस दौरान उनका कंपनी मैनेजमेंट से पेमेंट को लेकर झगड़ा भी हुआ था। उनका आरोप है कि कंपनी मैनेजमेंट के लोगों ने चंद्रप्रताप को पीएफ हड़पने और उसकी हत्या होने पर पकड़े जाने के डर से नहीं पहचाना।

परिजन का दावा है कि जिस सिक्यॉरिटी गार्ड ने गोली मारी थी वह कई बार मृतक के साथ बैठकर गुटखा खाता था। उन्होंने मांग की है कि पहचान छुपाने और हत्या के आरोप में कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। इन आरोपों को लेकर कंपनी के मालिक का पक्ष जानने के लिए कई बार उनके मोबाइल पर फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया है।

पुलिस पर पहचान नहीं करने का आरोप

मृतक चंद्रप्रताप की मौत होने पर पुलिस ने उसकी पहचान करने की कोशिश नहीं की। उसका पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। दूसरी कंपनियों में काम करने वाले उसके गांव के लोगों को शक हुआ कि गोली से चंद्रप्रताप मारा गया है तो परिजन को सूचना दी। उनके भाई अभय सिंह ने बताया कि उन्होंने बुधवार को ईकोटेक-3 कोतवाली पहुंच कर अपने भाई की पहचान कर ली है।

कंपनी पर फोन नहीं उठाने का आरोप

पीड़ित भाई ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा पहुंचकर जब उसकी कंपनी में फोन किया तो कंपनी के अधिकारियों ने इस बारे में बात करने से इनकार कर दिया। मृतक के भाई का दावा है कि कंपनी के अकाउंटेंट ने रुपये की जरूरत पड़ने पर चंद्रप्रताप के अकाउंट में दो बार रुपये भी ट्रांसफर किए थे। उनका दावा है कि इसका उनके पास सबूत भी है।

ईकोटेक-3 प्रभारी अनिता चौहान ने कहा कि मृतक के परिजन ने बुधवार को आकर शव की शिनाख्त कर ली है। उनकी शिकायत भी ले ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। अगर पीड़ित परिजनों के आरोप सही पाए जाते है तो कार्रवाई की जाएगी।