शासकीय राशियों का कैसे दुरुपयोग किया जाता है, अंदर खबर में पढ़िये

Chhattisgarh Crimes

मैनपुर। शासकीय लाखों रुपयों का कैसे औचित्य हीन निर्माण कार्य कराते हुए शासन प्रशासन को विभागीय जिम्मेदारों के द्वारा चुना कैसे लगाया जाता है। जिसका एक नमूना यहां पर उदाहरण के रुप हम आपको बताने जा रहे हैं।

उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व गरियाबंद के अंतर्गत परिक्षेत्र तौरेंगा बफर इलाकों में वन विभाग के द्वारा पूर्व में जंगलों की सुरक्षा गस्ती करते हुए वन्य प्राणियों के खोज खबर लेकर सुरक्षा के दृष्टिकोण से मैदानी अधीनस्थ कर्मचारियों को ठहरने के लिए पेट्रोलिंग हंट कैंप भवन बनाया गया है। इलाका मे एक नहीं दसों जगहो पर भवन का निर्माण किया गया है। जिस भवन का हाल बेहाल है। शुरुआती दौर से ही ऐसे भवन मे कोई गश्ती दल कभी नही रुका है। और ना ही वहां से कोई गतिविधि संचालित हो पाता है। फिर ऐसे लाखों रुपयों खर्च करके भवनों का निर्माण औचित्यहीन स्थानों पर क्यों बना दिया गया समझ से परे लगता है।

देखरेख के अभाव में भवन के खिड़कियां दरवाजे सभी टूट कर के जर्जर हो गए हैं। जिन उद्देश्यों को लेकर भवन निर्माण किया गया है।वैसा उक्त भवनों को देखने से नहीं लगता शायद वन विभाग के द्वारा पानी के तरह शासकीय राशियों का दुरुपयोग किया जाना आम बात हो गई है।इस संबंध में हमनें वन अधिकारियों से बात करने की कोशिश किया गया पर संपर्क नहीं हो पाने के चलते उनका पक्ष नही लिया जा सका है।