करणीकृपा पॉवर प्रा. लि. स्टील प्लांट: क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का असहयोग देख ग्रामीण और किसान हो गए हैरान

Chhattisgarh Crimes

जयदेव सिंह/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

महासमुंद। कौंवाझर और खैरझिटी के बीच करणीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड के इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर जो विरोध के स्वर उठे हैं उसे दवाने में प्रशासन और तमाम जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर ही अब सवाल खड़े होने लगे हैं। जिन ग्रामीणों ने और किसानों ने अपने हितों की रक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों को चुना है। आज वहीं जनप्रतिनिधियों ने उनका साथ देने की बजाए उद्योग के पक्ष में खड़े दिखाई देने लगे हैं। वहीं ग्रामीण और भी जनप्रतिनिधियों के असहयोग देखकर हैरान है।

कौंवाझर, खैरझिटी सहित दर्जनों गांव के जिस ओर देखे तो लहलहाती फसलें दिखाई देती है। ऐसा कितने सालों तक रहेगा ये कह पाना मुश्किल है। क्योंकि आने वाले सालों में इन क्षेत्रों में फसलों को स्टील प्लांट रूपी दानव से निकलने वाली प्रदूषण, दूषित पानी और डस्ट इसे निगल जाएगा। हजारों एकड़ जमीन के साथ 10 किलोमीटर के रेडिएश में आने वाले गांव पर भी इसका सीधा प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके लिए और कोई नहीं बल्कि वो जनप्रतिनिधि जिम्मेदार होंगे जिन्हें गरीब ग्रामीण, किसानों ने बड़ी उम्मीद और विश्वास के साथ क्षेत्र के विकास के साथ उनकी हितों रक्षा की जिम्मेदारी विधानसभा से लेकर पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को सौंपी थी। लेकिन आज गरीब ग्रामीण और किसान अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। ग्रामीणों को अपनी खेती किसानी को उद्योग से बचाने के लिए सब से अधिक जरूरत क्षेत्र की जनप्रतिनिधियों की थी। लेकिन आज सभी जनप्रतिनिधि उद्योगपतियों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। चर्चा यह भी है कि, स्टील प्लांट मेनेजमेंट कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकारों को भी प्रभावित करने की कोशिश हो रहीं हैं। ताकि क्षेत्र के ग्रामीण और किसानों की आवाज नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह जाए।

वहीं इस उद्योग से जुड़ी जो अवैज्ञानिक कार्यवाही (फर्जी हस्ताक्षर, प्रस्ताव) को लेकर ग्रामीण और किसानों की शिकायत पर प्रशासन भी अनसुनी कर रहा है। उधारण के लिए खैरझिटी के उप सरपंच तारेंद्र यादव ने एक लिखित शिकायत कलेक्टर से की थी कि, पंचायत द्वारा दिया गया प्रस्ताव पर उनका फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। जबकि इस पर जांच कर कार्यवाही करने की बजाए उलटे उप सरपंच पर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। यहीं नहीं उप सरपंच को पंचायत का प्रस्ताव पंजी तक देखने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन पटवारियों को भी सक्त हिदायत दे रखा है कि, मीडिया को भी कोई जानकारी न दी जाए। छत्तीसगढ़ क्राइम्स ने कौवांझर पटवारी अरविंद चंद्राकार से जमीन से जुड़ी जानकारी मांगने पर स्पष्ट इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि, उच्च अधिकारियों ने कोई भी जानकारी देने से मना किया है। जो भी जानकारी चाहिए अधिकारियों से ले ले।