करीब 5 लोगों की मदद से वाहन को धक्का दिया गया, तब कहीं जाकर एंबुलेंस चालू हुई और इमरजेंसी केस के लिए रवाना हो सकी। 108 के अधिकारियों के अनुसार, इस घटना में बैटरी की खराबी के कारण वाहन बंद हो गया था। बाद में इसे ठीक कर लिया गया। बतादें कि जिले में करीब 10 एंबुलेंस शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रही हैं। मरम्मत के अभाव में एंबुलेंस की हालत लगातार खराब होती जा रही है।
खराबी बनी जानलेवा खतरा
लोगों का कहना है कि यह स्थिति गंभीर है। अगर इमरजेंसी मरीज को ले जाते समय एंबुलेंस रास्ते में बंद हो जाए तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। खराब वाहन के कारण ईंधन की खपत भी अधिक हो रही है।
108 सेवा के संचालन की जिम्मेदारी जिस कंपनी को दी गई है, उसे इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपातकालीन स्थिति में लोगों को समय पर सेवा मिल सके।यह सेवा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में शुरू हुई थी, जिसने राज्य में समय पर इलाज पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन अब इसकी देखरेख में घोर लापरवाही देखी जा रही है। एंबुलेंसों में स्टीयरिंग रॉड टूटने जैसी गंभीर तकनीकी खराबियां आम हो गई हैं, जो मरीजों की जान को जोखिम में डाल रही हैं।