यासीन मलिक को ताउम्र कैद : 2 मामलों में आजीवन कारावास; सभी सजाएं साथ चलेंगी, 10 लाख का जुर्माना भी

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली/श्रीनगर। कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई। NIA के वकील उमेश शर्मा ने बताया- यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा इस अलगाववादी नेता को 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा।

​​​​​​यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। यासीन को सजा के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली- NCR में आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है।

फांसी से बचा तो वकील को गले लगा लिया

सजा सुनने के बाद यासीन ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगाया। सजा के ऐलान से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। उधर, श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए। वहां भारी फोर्स तैनात है। कुछ इलाकों में पत्थरबाजी की घटनाएं भी सामने आईं। श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस फिलहाल सस्पेंड कर दी गई हैं।

अदालत में यासीन की दलील

बुधवार को फैसला आने से पहले कोर्ट पहुंचे यासीन ने कहा, ‘अगर मैं 28 साल के दौरान किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं और खुफिया एजेंसियां यह साबित कर देती हैं, तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। मुझे फांसी मंजूर होगी। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। अपने लिए कुछ भी नहीं मांगूंगा। किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ता हूं।’

मलिक ने आरोपों को चुनौती देने से कर दिया था इनकार

दोषी करार होने के बाद मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह UAPA की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और IPC की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता। मलिक 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है।