27 साल पहले मृत महिला के नाम 24 लाख का लोन, बैंक को फर्जी दस्तावेज, ऐसे हुआ खुलासा

Chhattisgarh Crimes

कानपुर. कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें सालों पहले मर चुकी महिला के नाम लाखों रुपए का लोन ले लिया गया. जब बैंक ने कर्ज वापस लेने के लिए परिजनों से संपर्क किया तो पता चला कि महिला तो 27 साल पहले मर चुकी है. जिसके बाद सीएमएम कोर्ट ने फर्म के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया दिया है.

इस मामले को लेकर वकील ने कहा कि कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए फर्म के प्रोपराइटर, गारंटी लेने वाली उनकी पत्नी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. ये मामला लगभग 5 साल पहले शुरू हुआ था. जब 2015 में मेसर्स वोग फैब्रिक के प्रोपाइराटर सतेन्द्र कृष्णवंशी ने रेडीमेड गारमेंट्स प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग के लिए पंजाब नेशनल बैंक की आजाद नगर शाखा में 24 लाख 50 हजार रुपए के लाने के लिए आवेदन किया था.

इसके लिए फर्म ने रामजानकी ने नवाबगंज में बने घर की सेल डीड बैंक में जमा थी. जिसके बाद बैंक ने फर्म के लोन को मंजूरी देते हुए जून 2015 में 24 लाख का लोन दे दिया. जो सितंबर 2016 में एनपीए बन गया.जब फर्म ने लोन नहीं चुकाया तो बैंक ने ऋण वापसी के लिए पक्षकारों को नोटिस भेजा.

जब रामजानकी के परिवार को बैंक का नोटिस मिला तो उन्होंने नोटिस के जवाब में बताया कि राम जानकरी की मृत्यु तो 1988 में ही हो चुकी है. परिजनों ने नोटिस के जवाब में महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र भी भेजा. जिसके बाद जब बैंक ने इसकी जांच की तो उसे सही पाया. जिसके बाद बैंक ने इस मामले के लिए फर्म समेत पक्षकारों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया.

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