अंधविश्वास के जाल में फंसकर गंवाया नगदी सहित जेवर, सात माह बाद रिपोर्ट दर्ज कराया, पांच घंटे में आरोपी तक पहुंच गई पुलिस

Chhattisgarh Crimes

नरेंद्र ध्रुव/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

गरियाबंद (छुरा)। अंधविश्वास का चक्कर अंत में हमेशा पछतावा भरा ही होता है, हम जिस युग में जी रहे हैं यहां पर अंधविश्वास के लिए कोई स्थान नहीं है फिर भी लोग इसके मकड़जाल में फसकर कभी अपनो को तो कभी रूपए जेवर गंवा बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला गरियाबंद के छुरा थानांतर्गत में सामने आया है जिसमें गांव का एक परिवार अंधविश्वास का शिकार होकर अपना जेवर रूपए गंवा बैठा है। हालाकि इस मामले में पुलिस ने जिस तरह की तत्परता आरोपी को पकड़ने में दिखाई हैं उसके लिए पुलिस विभाग साधुवाद का पात्र हैं।

छुरा पुलिस ने प्रार्थी के रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के पांच घंटे के अंदर ही आरोपी को धरदबोच लिया और सलाखों के पीछे भेज दिया। हम बात कर रहे हैं छुरा थानांतर्गत ग्राम मांगलीपारा की जहां 21 अक्टूबर 2021 को गजराज बंजारे के घर पर महासमुंद ज़िला अंतर्गत खल्लारी थाना पुलिस परिक्षेत्र के ग्राम हांथीगठ निवासी ब्रम्भदेव आवड़े अपने एक अन्य साथी शोनू टंडन के साथ गुरु घासीदास जयंती का चंदा एकत्र करने के बहाने तब घर पहुंचता है जब घर का मुखिया गजराज बंजारे नही होता है।

आरोपी ब्रम्हदेव आवडे गजराज बंजारे की बेटी और पत्नी से बात करते-करते जब वह दोनों (बेटी और पत्नी) को अंधविश्वास के सांचे में उतार लेता है और उसे यह यकीन हो जाता हैं कि वें दोनों भी अंधविश्वास पर यकीन करते हैं तो वह उन्हें कहता है कि आपके ऊपर जादू टोना किसी ने किया है और इस समस्या से वह उन्हें निकाल देगा पर इसके लिए कुछ खर्च करना पड़ेगा। आरोपी की बातों में आकार गजराज बंजारे की पत्नी और बेटी घर में रखे 57 हज़ार रुपए नगद और क़रीब एक लाख का जेवर आरोपी को दे देते हैं।

आरोपी दोनों को यह बोलकर नौ दो ग्यारह हो जाता हैं की किसी को भी इसकी जानकारी मत देना वरना काम बिगड़ जायेगा। अब जब घटना के सात महीने बाद गजराज बंजारे की पत्नी और बेटी को अपने ढगे जाने का एहसास हुआ तो उन्होंने सारा माजरा गजराज बंजारे को बताया। मामले की जानकारी मिलने के बाद गजराज बंजारे ने घटना की रिपोर्ट 4 मई 22 को छुरा थाना पहुंचकर दर्ज करवाया। मामला दर्ज होते ही छुरा पुलिस एक्शन में आ गई और जैसे ही ख़बर मिला कि मामले का मुख्य आरोपी हांथीगढ़ में हैं। तत्काल ही इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक जे आर ठाकुर, अतरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रेश सिंह ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक निशा सिन्हा को देते हुए उनसे मिले मार्गदर्शन और एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक के पर्यवेक्षण में छुरा थाना प्रभारी वेदमती दरियो के नेतृत्व में पुलिस टीम महासमुंद ज़िला के ग्राम हांठीगढ़ के लिए रवाना हुई और घेराबंदी कर आरोपी ब्रम्हदेव आवडे को धरदबोचा।

गिरफ्तार कर जब पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ किया तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने इस घटना को शोनु टंडन के साथ मिलकर अंजाम दिया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है वहीं इस मामले में फरार शोनू टंडन की तलाश में जुटी हुई हैं। इस मामले को सुलझाने में सहायक उप निरीक्षक सुरेश निषाद, प्रधान आरक्षक हीरालाल बंजारे, खिलेश्वर कश्यप, आरक्षक शिवदयाल नागेश, डेकेश्वर सोनी, नरेंद्र साहू, रविशंकर नेताम की भूमिका सराहनीय रही।

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