इतिहास रचने से चूकीं लवलीना बोरगोहेन, ब्रॉन्ज मेडल से करना पड़ा संतोष

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नई दिल्ली। जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भारत की गोल्ड मेडल की उम्मीदों को बुधवार को करारा झटका लगा है। भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) को अपने सेमीफाइनल मुकाबले में विश्व चैंपियन बॉक्सर बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। लवलीना को इस हार के साथ ही ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा है और उनका देश के लिए गोल्ड जीतने का सपना अधूरा रह गया है। बुसेनाज पूरे मैच में लवलीना पर हावी नजर आईं और उन्होंने भारतीय मुक्केबाज को 5-0 से रौंदा।

लवलीना ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पूर्व चैंपियन निएन चिन चेन को 4-1 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। इस जीत के साथ ही भारतीय महिला बॉक्सर ने टोक्यो ओलंपिक में अपना ब्रॉन्ज मेडल भी पक्का कर लिया था। लवलीना ने विश्व चैंपियन बॉक्सर बुसेनाज के खिलाफ पहला राउंड 5-0 से गंवाया और इसके बाद वह मैच में वापसी नहीं कर सकीं। तुर्की की बॉक्सर बुसेनाज ने लवलीना पर पंचों की बारिश की और उनको संभलने का कोई मौका नहीं दिया। लवलीना ने क्वार्टर फाइनल में मिली जीत के बाद कहा था कि उनका सपना देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है और उन्होंने उस तरफ एक कदम और आगे बढ़ा दिया है।

टोक्यो खेलों में यह भारत का तीसरा पदक है। इससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर जबकि बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लवलीना का पदक पिछले 9 सालों में भारत का ओलंपिक मुक्केबाजी में पहला पदक है। इससे पहले साल 2012 लंदन ओलंपिक में स्टार बॉक्सर मैरीकॉम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। वहीं, पुरुष बॉक्सिंग में विजेंदर सिंह ने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ड मेडल पर कब्जा जमाया था।

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