मद्रास हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद पर लगाया 10 लाख का जुर्माना

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के ऊपर मद्रास हाईकोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पतंजलि के ऊपर यह जुर्माना कोरोनिल ब्रांड का इस्तेमाल किए जाने पर लगाया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पतंजलि को कोरोनिल शब्द का इस्तेमाल बंद करने का भी आदेश दिया है।

आपको बता दें पिछले दिनों पतंजलि आयुर्वेद द्वारा कोरोना की दवा बनाने का दावा किया गया था और इस दवा का नाम कंपनी ने कोरोनिल रखा था। लेकिन टेस्टिंग को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ और इधर सरकार ने भी इसे मंजूरी नहीं दी। जिसके बाद पतंजलि ने इसे इम्युनिटी बूस्टर बताकर मार्केट में उतार दिया।

उधर चेन्नई स्थित एक कंपनी ऑर्डर इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने कोरोनिल ब्रांड पर अपना दावा ठोकते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कंपनी ने बताया कि उसने कोरोनिल 92-बी नाम से ट्रेडमार्क जून 1993 में रजिस्टर्ड कराया था जो कि 2027 तक के लिए रजिस्टर्ड है।

कोर्ट ने Ardura इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में आदेश सुनाते हुए कहा कि पतंजलि को अपना उत्पाद बेचने से पहले ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्री में जाकर देखना चाहिए कि यह ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड है या नहीं।
मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पतंजलि जनता में कोरोना वायरस के संक्रमण के डर का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। कोर्ट ने कहा, आम लोगों में डर का फायदा उठाते हुए पतंजलि कोरोना वायरस की दवा की बात कर रही है।
कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को आदेश दिया है कि वह चेन्नई स्थित अदयार कैंसर इंस्टिट्यूट और गवर्नमेंट योग ऐंड नेचुरोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को 5-5 लाख रुपये अदा करे।