गरियाबंद। गरियाबंद जिला पुलिस को एक बार फिर अंतरराज्यी वन्यजीव तस्करो को पकड़ने में सफलता मिली है। तस्करों के कब्जे से दुर्लभ वन्य जीव पेंगोलिन बरामद किया गया है। तीनों तस्कर उड़ीसा के हैं और वह पेंगोलिन बेचने की फिराक में उसे लेकर छत्तीसगढ़ आए हुए थे। इस दौरान मुखबीर ने जिले के एसपी भोज राम पटेल को इसकी सूचना दी, जिस पर उन्होंने तत्काल छुरा थाने की टीम रवाना की और छुरा पुलिस को कोठी गांव के पास उड़ीसा के 3 तस्करों को पकड़ने में सफलता मिली। बरामद पैंगोलिन की विदेशों में कीमत लाखों में बताई जाती है। वहीं पुलिस अब वन विभाग को जानकारी भेज रही है।
गरियाबंद जिला पुलिस लगातार अपराधियों के साथ-साथ वन्यजीव तस्करों पर भी लगाम कस रही है। जिले में बीते साल भर में मुखबिरों का नेटवर्क इतना मजबूत कर लिया गया है कि अपराध और तस्करी जैसे मामलों में तत्काल खबर सीधी जिले की एसपी तक पहुंच जाती है। इसी का परिणाम है कि आज फिर तीन अंतरराज्यी वन्यजीव तस्कर, पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।
दरअसल जिले के एसपी भोजराम पटेल को अचानक सूचना मिली की उड़ीसा के 3 तस्कर किसी दुर्लभ वन्य जीव को बेचने की फिराक में छुरा थाना क्षेत्र के कोठी गांव के आसपास घूम रहे हैं। एसपी ने तत्काल छुरा थाना प्रभारी राजेश जगत को इस पर कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए टीम को रवाना करवाया। बताए गए हुलिए के अनुसार 3 लोग कोठी गांव के पास पुलिस को मिले तलाशी लेने पर जूट के बोरे में बंद कर रखा गया जिंदा पैंगोलिन उनके पास से बरामद हुआ बता। दें कि पेंगोलिन काफी दुर्लभ जीव माना जाता है जिसकी विदेशों में कीमत कई लाख रुपए होती है।
पैंगोलिन के शरीर के कई अंग दवाइयां तथा झाड़-फूंक में इस्तेमाल करने कि भी जानकारी है। यही कारण है कि तस्कर जंगलों से इन्हें पकड़वा कर बेचने की फिराक में रहते हैं। उड़ीसा के धरमगढ़ जिले के दोनों तस्कर ने अपना नाम भोज सिंह भुंजिया संतोष भुंजिया बताया पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पैंगोलिन को बरामद किया है। वही दोनों तस्करों पर छत्तीसगढ़ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 धारा 9, 52, 39, 34 के तहत कार्यवाही करते हुए घटना की विवेचना प्रारंभ कर दी है। पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि पूर्व में इन्होंने वन्यजीव तस्करी करते हुए छत्तीसगढ़ में किन लोगों को वन्य जीव को बेचा है उन पर भी भविष्य में पूछताछ के बाद कार्यवाही के की जाने की संभावना है।