मानवता से लेकर वन्य जीवों से प्रेम तक, खेत खलिहान से लेकर छत्तीसगढ़ी परंपरा तक पहचाने जाते हैं एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर

Chhattisgarh Crimes

गरियाबंद। अब तक आपने देखा होगा कि अधिकांश पुलिस के आला अधिकारी अपने कड़े रुख और सख्ती के चलते जाने पहचाने जाते हैं, किंतु गरियाबंद जिले के एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर के व्यवहारिकता पर गरियाबंद जिले में पद के साथ एक अलग पहचान है। जिसे गरियाबंद अंचल के गांव के बच्चे से लेकर सभी वर्ग के लोग जानते पहचानते हैं।

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श्री राठौर की मिसाल यहीं खत्म नहीं होती ये वे शख्स हैं जो वन्य जीवों से प्रेम पर भी पीछे नहीं रहते, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन सिंह राठौर दुखी पीड़ित व्यक्ति तक स्वयं पहुंचकर वह अपने से होकर उनका हाल पूछते हैं। उनका सहयोग करते हैं। उनके इन्हीं मानवता से आज अपनी परेशानियों को लेकर लोग इनसे सीधे संपर्क करते हैं। इनके बारे में बात करें तो ये आम लोगों के बीच ऐसे घुलमिलकर रहते हैं कि लोगों को जरा सा भी यह अहसास नहीं होता कि ये एक पुलिस अधिकारी भी हैं।

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बात करें खेत खलिहान की या ग्रामीणों के बीच किसी उत्साह की खेल प्रतियोगिताएं या फिर लोगों की मदद किए जाने तक इनके नाम का परिचर्चा आज पूरे गरियाबंद जिला में एक अलग पहचान के रूप में जाना पहचाना जाता है। वहीं जुर्म करने वाला मुजरिम भी गुनाह करने से पहले सोचता है। बेजुबान वन्य प्राणियों से भी इनका प्रेम इस कदर है कि बंदरों का समूह इनके अपने निवास में इनके आते ही घर के अंदर तक घुस कर इनके साथ बैठ जाते हैं। इन्होंने अपने सरल स्वभाव और अपने व्यक्तित्व से लोगों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है जिसकी लोग प्रशंसा करते नहीं थकते।