
अभी इन इलाकों में रहने वालों को जोरा और नवा रायपुर जाने के लिए लगभग सात चौराहों के सिग्नल पर रुकना पड़ता है। इससे जोरा पहुंचने में करीब पौन घंटे से अधिक समय लग जाता है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद सिग्नल पर रूकने की जरूरत नहीं पड़ेगी और लोगों के 15 से 20 मिनट बचेंगे।
1. नई रिंग रोड बनेगी
100 करोड़ दिए राज्यभर के निगम को इसमें रायपुर भी।
2. सरोना में नया अस्पताल
100 बिस्तर वाला नया शासकीय अस्पताल बनेगा।
3. कार्डियेक सेंटर हाईटेक
10 करोड़ अंबेडकर अस्पताल को दिए। इलाज होगा बेहतर।
4. घरेलू विमान सेवा बढ़ेगी
40 करोड़ खर्च कर तीन एयरपोर्ट का करेंगे विस्तार।
अंबेडकर अस्पताल में खुलेगा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर
निसंतान दंपत्तियों के लिए वरदान बन चुकी टेस्ट ट्यूब तकनीक से अब अंबेडकर अस्पताल में भी इलाज हो सकेगा। सरकार ने बजट में अंबेडकर अस्पताल के गायनी विभाग में आईवीएफ सेंटर खोलने की मंजूरी देते हुए इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान कर दिया है। प्राइवेट में इस तकनीक से इलाज में 3 से 5 लाख तक खर्च आने के कारण गरीब निसंतान दंपत्ति इलाज नहीं करवा पाती थी।
व्यापारियों और चैंबर को सबसे बड़ी राहत
पिछली सरकार के फैसले को बदलते हुए नई भाजपा सरकार ने ई-वे बिल के नियम को अनिवार्य करते हुए 50 हजार तक के सामान को बाहर भेजने के लिए ऑनलाइन बिल जनरेट करना जरूरी था। अब 1 लाख का सामान होने पर ही ई-वे बिल लगेगा। 50 हजार तक का सामान बिना बिल के ट्रांसपोर्ट हो सकेगा। चैंबर को इसके अलावा नवा रायपुर में खुद का दफ्तर बनाने के लिए रियायती दर पर जमीन भी दी जाएगी।
टैक्स के पुराने मामले खत्म होंगे, इससे राजस्व बढ़ेगा
नए बजट में छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 साल से ज्यादा पुराने लंबित मामलों में 25,000 तक की वैट देनदारियों को माफ किया जा रहा है। व्यापारियों के लिए यहां बड़ी राहत है। इससे 40,000 से अधिक व्यापारियों को मदद मिलेगी। इतना ही नहीं 62,000 से ज्यादा मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी। इससे टैक्स विभाग का काम।भी आसान होगा। सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
रजिस्ट्री कराने में भी मिलेगी राहत
संपत्तियों के लेन-देन पर स्टांप शुल्क से उपकर हटाया गया है। उदाहरण के तौर पर किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी है तो उसे 5 फीसदी स्टांप शुल्क देना होता है यानी ये रकम 2.50 लाख रुपए होगी। इसके बाद निगम, सेवा, ग्राम पंचायत और उपकर मिलाकर 12 प्रतिशत की रकम और देनी होती है जो 30 हजार रुपए होती है। राज्य सरकार ने इसी में छूट दी है। यानी अब लोगों को जो छूट मिलेगी वो 30 हजार पर 0.06 प्रतिशत होगी।