
3 मार्च को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निजी स्कूलों को सरकार के इस फैसले से राहत दे दी है। स्कूल प्रबंधन जिस भी पैटर्न पर पढ़ाई करवा रहे थे, वे उसी आधार पर परीक्षा ले सकेंगे। इस फैसले से 2 लाख छात्रों को राहत मिली है।
हाईकोर्ट के इस फैसले से अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि इस सत्र में 5वीं, 8वीं केंद्रीयकृत परीक्षा सिर्फ सरकारी स्कूलों में आयोजित ही होगी। निजी स्कूल अगले साल से इसके दायरे में आएंगे। एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष राजीव गुप्ता कहना है कि छात्रों को एकदम से सीजी बोर्ड की परीक्षा के लिए बाध्य करना गलत था।
भास्कर ने उठाया था मुद्दा- 5वीं, 8वीं केंद्रीयकृत परीक्षा (बोर्ड) करवाने के फैसले ने प्राइवेट स्कूलों में चल रहे एक बड़े स्कैम का पर्दाफाश भास्कर ने किया था। बताया था कि राज्य में 7,160 प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें से 70 प्रतिशत स्कूल सीबीएसई या प्राइवेट पब्लिशर की किताबों से कोर्स करवा रहे हैं, जबकि इन्हें मान्यता सीजी बोर्ड से है। यह छात्रों के धोखाधड़ी है। जो भी स्कूल इस प्रकार गड़बडि़यां कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई जरूरी है।