महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले अंतर्गत शनिवार को मिले मादा हाथी के मौत के मामले बड़े खुलासे हुए है। मौत के मामले में पिथौरा वन क्षेत्र के किशनपुर गांव के दर्जन भर ग्रामीण को हिरासत मेंले लिया गया है। वन विभाग के अनुसार पिथौरा वन परिक्षेत्र के किशनपुर बिट क्रमांक 491 में सप्ताह भर पहले शिकारियों द्वारा बिछाए बिजली तार मे कंरेट लगने से भालू की मौत हुई थी। ग्रामीणों ने भालू का शव पहाड़ों में छिपा दिया था जिसका सुराग वन कर्मी वीरेन्द्र बंजारे को मिला।
बता दें छत्तीसगढ़ के महासमुंद में शनिवार सुबह मूंगफली के खेत में एक गर्भवती मादा हाथी का शव मिला है। शिकारियों ने जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए करंट लगाकर तार बिछा रखा था। इसी की चपेट में आकर हथिनी की मौत हुई है। ग्रामीणों ने शव देखा तो वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग ने बताया पिथौरा वन क्षेत्र के किशनपुर गांव में हाथी का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। इसके करीब एक घंटे के बाद वन विभाग की टीम पहुंची। जांच के दौरान टीम को मौके पर जले हुए लकड़ी के टुकड़े और तार मिले हैं। डीएफओ मयंक पांडेय का कहना है कि हाथिनी गर्भवती थी या नहीं, ये पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा।
ओडिशा की ओर से पहुंचा है हाथियों का दल
वन विभाग के मुताबिक, ओडिशा से चार हाथियों का दल सूखीपाली पहुंचा है। वहां से बुधवार रात पिथौरा वन क्षेत्र पहुंच गया। ग्रामीणों की सूचना मिलने पर आसपास के गांवों में हाथियों से सचेत रहने के लिए मुनादी कराई गई है। लोगों को जंगल की ओर जाने से मना किया गया है। वहीं हाथियों पर नजर रखने के लिए पेट्रोलिंग की जा रही है।
जिला मुख्यालय के पास हाथियों का दल
जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर हाथियों का दल देखा गया है। पिथौरा क्षेत्र में ही शुक्रवार सुबह बेलटुकरी और साराडीह गांव में हाथी सड़क पर आ गए और ग्रामीणों और बच्चों को दौड़ा लिया था। हाथी ने एक बच्चे को सूंड़ से उठाकर फेंका, वहीं दूसरे को कुचलने का प्रयास किया। दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।