बीजापुर। बीजापुर जिले में पहली बार ऐसा देखने को मिला। जब बेटी के खातिर मां की ममता अपना नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौट आई. जी हां 2003 से नक्सल संगठन में सक्रीय भागीदारी निभा कर सोमली सोढ़ी ने बेटी विभा के खतिर आज बीजापुर एसपी के समक्ष आत्मसमर्पण किया. सोमली नक्सली संगठन में डॉक्टर के बतौर काम करती हुई नागाराम एलओएस कमाण्डर के पद पर सक्रिय रही । सोमली पर पांच लाख का इनाम घोषित है।
आज बीजापुर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। नक्सली संगठन में सक्रिय दाम्पति ने संगठन में रहते ही एक पुत्री को जन्म दिया दो वर्ष पालन पोषण के बाद मां सोमली पुन: संगठन में शामिल हो गई. मगर जैसे जैसे विभा बड़ने लगी.माता पिता को विभा की ममता मुख्यधारा में खींच लाई। पिता ने छ: माह पूर्व सुकमा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया । विभा से मिलने के लिए सोमली ने नक्सली संगठन के सामने गुहार लगाई।
सोमली ने बताया पश्चिम बस्तर डीवीजन प्रवक्ता विकल्प के साथ आधे दर्जन नक्सली नेताओं के सामने अपनी बेटी विभा से मिलने की मांग रखी थी. जिसे संगठन ने घर वापसी की सहमति दे दी। ऐसा पहली बार देखा गया कि नक्सली संगठन किसी महिला या अपने साथी को छोड़कर जाने की अनुमति दी हैं।
अब सामली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर सामान्य जीवन जी कर बेटी विभा को पढ़ाकर शिक्षक बनाना चहाती है। सामली मददेड ,गंगालूर बासागुडा और नागारम जैसे ऐरिया में काम करते हुए 2004 में आवापल्ली से इलमिडी सड़क सुरक्षा में पुलिस पार्टी पर हमला,2005 में बीजापुर के टी पांईट पर सुरक्षा कर्मी के बाईक पार्टी पर हमला,2007 में रानी बोदली कैम्प पर हमला ,2011 में थाना भेजी भवन निर्माण सुरक्षा पर लगे सुरक्षा बल पर हमला के साथ 2017 में चिंताबागू पर जवानों पर फायरिंग करने का आरोप है. आज सोमली बीजापुर एसपी के समक्ष आत्मसमार्पण किया। छत्तीसगढ पुनार्वास नीति के तहत 10 हजार का प्रोत्साहन दिया गया।