रायपुर। कांग्रेस वरिष्ठ नेता पूर्व कोषाध्यक्ष व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा ने 92 वर्ष की उम्र में अस्वस्थता के चलते आज दिल्ली के निजी चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। राजस्थान में जन्म लेने वाले अविभाजित मध्यप्रदेश में रायपुर से पढ़ाई करने वाले वोरा का राजनीतिक सफरनामा बड़ा ही रोमांचित करने वाला रहा है। उनका दुर्ग में पत्रकारिता करते हुए पार्षद निर्वाचित होना और फिर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बन जाना कम दिलचस्प नहीं रहा है। राज्यसभा सदस्य बनते ही वे केंद्रीय मंत्री पद से नवाजे गए थे। कांग्रेस के सबसे भरोसेमंद सिपहसालार माने जाने वाले वोरा राजनीतिक शुचिता के लिए भी पहचाने जाते हैं।
गांधी परिवार से रिश्ते
प्रभात तिवारी और पंडित किशोरीलाल शुक्ला की मदद से 1970 में वोरा कांग्रेस में शामिल हुए थे। उसके एक दशक के भीतर ही वो गांधी परिवार के काफी करीब आ गए थे। उनकी कुशलता और एक दशक में मध्यप्रदेश में तीन बार चुनाव जीतना खास कारण थे। 1983 में इंदिरा गांधी सरकार में वोरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में वोरा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद राजीव गांधी सरकार में भी वोरा शामिल हुए, जब राज्यसभा के सदस्य के तौर पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
राहुल गांधी का समर्थन
दो चुनाव पहले जब कांग्रेस प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरे की तलाश में थी, तब वोरा ने खुलकर पार्टी के भीतर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने की वकालत की थी। वोरा उन गिने चुने नेताओं में से थे, जिन्होंने राहुल को पार्टी की कमान पूरी तरह सौंपे जाने का समर्थन किया था। गांधी परिवार के साथ उनके समीकरण हमेशा सधे रहे और इसी का मुजाहिरा था कि वोरा हर बार राहुल के समर्थन में थे, हालांकि पार्टी ने मनमोहन सिंह को ही दो बार प्रधानमंत्री बनाया।
और कुछ खास बातें
मोतीलाल वोरा राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे। राजस्थान के जोधपुर में ब्रिटिश इंडिया के जमाने में जन्मे वोरा ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और कलकत्ता से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद कई अखबारों के साथ काम किया था। इसके अलावा, वोरा सामाजिक कामों में भी हमेशा आगे रहे थे। इसके बाद वह सक्रिय राजनीति में आए और अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री रहने के अलावा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। वोरा के बेटे अरुण वोरा भी राजनीति में हैं और छत्तीसगढ़ के दुर्ग से तीन बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं।