रायपुर। आरंग मॉब लिंचिंग मामले में सोमवार को मुस्लिम समुदाय के लोग रायपुर की सड़कों पर उतर आए। समुदाय के कुछ नेताओं ने गृह मंत्री विजय शर्मा के बंगले का घेराव कर दिया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए सिविल लाइंस पहुंचे। गृह मंत्री के बंगले के बाहर पुलिस ने पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, आरंग की घटना में समुदाय के युवकों की हत्या की गई है। यह प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है। भीड़ ने हमला किया और अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। पुलिस कहीं न कहीं दोषियों को सरंक्षण देने का काम कर रही है। उन्होंने SDM को ज्ञापन भी सौंपा।
मुस्लिम समाज ने मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने और इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि, आरंग क्षेत्र के महानदी पुल के पास समाज विरोधी तत्वों ने सहारनपुर उत्तर प्रदेश के तीन मुस्लिम युवक चांद खान, गुड्डू खान और सद्दाम खान को घेर लिया। मवेशी तस्करी का आरोप लगाते हुए उन्हें मारपीट कर पुल के नीचे फेंक दिया।
आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
इसमें गुड्डू और चांद की मौत हो गई। सद्दाम खान का गंभीर अवस्था में इलाज जारी है। समाज की ओर से आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस अधीक्षक ने विशेष जांच की बात की, मगर अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गृहमंत्री से निवेदन है कि पुलिस को निर्देश दें कि पुलिस बगैर पक्षपात नियमानुसार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।
क्या है पूरा मामला
7 जून को सहारनपुर के 2 युवकों की छत्तीसगढ़ में मॉब लिंचिंग में हत्या कर दी गई। आधी रात को आरंग थाना क्षेत्र में 3 युवक एक ट्रक में जानवर भरकर ले जा रहे थे। एक पुलिस अफसर के मुताबिक रास्ते में 10-12 युवकों ने उनका पीछा किया। उन लोगों ने ट्रक को महानदी पुल पर घेर लिया।
इसके बाद ट्रक में सवार तीनों युवकों की जमकर पिटाई कर दी। इनमें से एक युवक की लाश महानदी में मिली, दूसरे की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। तीसरा युवक भी गंभीर रूप से घायल है, जिसका रायपुर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है।
SIT बनी मगर पुलिस के हाथ अब भी खाली
इस मामले की जांच पड़ताल के लिए रायपुर SSP ने SIT का गठन किया है। स्पेशल जांच टीम इस पूरे मामले में बारीकी से जांच पड़ताल करेगी। इस टीम का नेतृत्व रायपुर ग्रामीण एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर को सौंपा गया है। इसके अलावा टीम में करीब 14 पुलिस अफसर शामिल है। घटना के करीब 4 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ घटना को अंजाम देने वालों तक नहीं पहुंचे हैं। वो कौन थे जिन्होंने हमला किया इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। SIT के अधिकारियों ने जल्द खुलासे का दावा किया है।