इनमें से ज्यादातर बकायेदार पिछले पांच साल से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। वहीं 17 हजार के करीब ऐसे बड़े प्लाट हैं तो वहीं
निगम प्रशासन हर साल बड़े बकायेदारों को एक दर्जन से अधिक नोटिस जारी कर चुका है। नोटिस का इन बकायेदारों के ऊपर कोई असर नहीं हो रहा है। क्योंकि निगम की टीम वसूली करने पहुंचती है तो बड़े बकायेदार मौके पर मिलते ही नहीं हैं। इस वजह से निगम की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ जाता है।
निगम अफसरों के अनुसार ऐसे बकायेदारों की कुंडली तैयार कर ली गई है। उन्हें टैक्स अदा करने के लिए अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है। उसके बाद भी टैक्स ना पटाने वालों की संपत्ति सीधे सील कर दी जाएगी। उसके बाद उन पर दोगुना जुर्माना किया जा सकता है।
कार्रवाई – 2017 से नहीं अदा किया टैक्स, दो दुकानें सील
संपत्ति कर वसूली मामले में निगम दो बड़े बकायेदारों का टैक्स बकाया था। निगम ने कई बार नोटिस दिया था। इसमें यतियतन लाल वार्ड क्रमांक 4 के बड़े बकायादार नवीन चौधरी का 5 लाख और राम गोपाल अग्रवाल एक लाख से रुपए से ज्यादा बकाया है। दोनों 2017 से टैक्स अदा नहीं कर रहे हैं। लगातार नोटिस के बाद भी इन पर कोई असर नहीं हो रहा था। मंगलवार को निगम की टीम दुकान में पहुंची और दुकान को सील कर दिया गया है। अफसरों के अनुसार बकाया टैक्स के अलावा जुर्माना भी वसूल किया जाएगा।
पिछले साल हो चुकी थी 75 फीसदी वसूली
निगम के राजस्व विभाग के अनुसार 4 मार्च 60 फीसदी ही वसूली हो पाई है। जबकि पिछले साल फरवरी महीने में यह वसूली 75 फीसदी तक पहुंच गई थी। निगम ने 10 जोन के बकायेदारों की सूची जारी कर दी है। इन पर 20 करोड़ से अधिक का संपत्ति कर बकाया है। सबसे ज्यादा बड़े बकाएदार जोन 4, 9 और 10 में है।
^ मध्यमवर्गीय लोगों के खिलाफ निगम लगातार कार्रवाई करता है। लेकिन बड़े बकाये दार सालों से अपना टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। बड़े बकायेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए निगम के अफसरों को निर्देश दिया है।
ढाई हजार से अधिक ऐसे डिफाल्टर है जो अपना मकान बेचकर कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। ऐसे लोगों को निगम तलाश नहीं पा रहा है।