नगर निगम रायपुर के नेता प्रतिपक्ष को लेकर विवाद बढ़ गया

Chhattisgarh Crimesनगर निगम रायपुर के नेता प्रतिपक्ष को लेकर विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस ने संदीप साहू को हटाकर बागी होकर चुनाव लड़ने वाले आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। अचानक संदीप को कारण बताए बिना हटाए जाने के विरोध में साहू समाज उतर आया है।

गुरुवार को संदीप ने अपने समर्थकों के साथ राजीव भवन पहुंचकर प्रदर्शन किया और प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू के कमरे में जाकर नारेबाजी भी की। वहीं, पार्टी के इस फैसले से नाराज होकर शहर जिला कांग्रेस के संयुक्त महामंत्री लीलाधर साहू ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर यह फैसला वापस नहीं लेती, तो साहू समाज के लोग भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे।

शहर जिला कांग्रेस ने संदीप को बनाया था नेता प्रतिपक्ष : नगर निगम के बजट सत्र से पहले शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने दो बार के पार्षद संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया था। पार्टी की ओर से इसके लिए चिट्ठी भी जारी की गई थी। संदीप का दावा है कि उनकी नियुक्ति पीसीसी पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर की मौजूदगी में सभी पार्षदों और विधायकों से चर्चा के बाद की गई थी और इसकी जानकारी निगम आयुक्त और महापौर को भेजा गया था।

फैसला वापस नहीं हुआ तो प्रदर्शन करेंगे- लीलाधर
संयुक्त महामंत्री पद से इस्तीफा देने वाले लीलाधर साहू ने कहा कि, “कांग्रेस ने पहली बार किसी साहू को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, लेकिन अब उसका अपमान किया गया है। अगर ये फैसला वापस नहीं होता तो कांग्रेस कार्यकर्ता और साहू समाज मिलकर बड़ा विरोध करेंगे।

समाज की तरफ से भेजा जाएगा निंदा प्रस्ताव
बताया गया है कि साहू समाज युवा प्रकोष्ठ रायपुर के संयोजक देवदत्त साहू और उनकी टीम प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे को एक निंदा पत्र सौंपकर मांग करेगी कि संदीप साहू को दोबारा नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए। अगर ये मांग पूरी नहीं होती, तो पूरा साहू समाज एकजुट होकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगा।

बगावत कर चुनाव लड़ने वाले को तोहफा क्यों: संदीप
संदीप साहू ने कहा कि वे पार्टी के सच्चे कार्यकर्ता हैं। उन्हें सभी पार्षदों और पर्यवेक्षकों की सहमति से चुना गया था। लेकिन पार्टी ने एक बागी नेता को, जो कांग्रेस से बाहर जाकर निर्दलीय लड़ा, उसे वापसी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष बना दिया। आखिर बगावत कर चुनाव लड़ने वाले तोहफा क्यों दिया गया।

 

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