मैनपुर। इन दिनों प्लास्टिक कचरे के बढ़ते प्रकोप से समुद्री पारिस्थितक तंत्र को बचाने का संकल्प लिए चेन्नई के समुद्रीतट पर हफ्ते में 7 घंटे श्रम दान करते हुए तटीय क्षेत्र में फैले पलास्टिक के कचरे को साफ कर लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहें है।
ऐसा प्रोत्साहित करने वाले शख्स गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लाक से ताल्लुक रखने वाले जोगेंद्र सिंह कश्यप के पुत्र नरेंद्र कश्यप गिरसूल के रहने वाले है। सामान्य मध्यम वर्ग परिवार से ताल्लूकात रखने वाले नरेन्द्र कश्यप टूरिज्म में एमबीए करने के बाद अब चेन्नई में रहकर दुबई बेस्ड कंपनी मे कार्यरत है। प्राकृतिक व पर्यावरण रक्षा को लेकर नरेन्द्र के हौसले और संकल्प को देख चेन्नई के समुद्री तट पर लोग तारीफ करते नही थक रहे हैं। समुद्री तट पर नरेन्द्र के सफाई कार्य की ओर आकर्षित होकर आसपास के लोग भी अब रोज नरेन्द्र के साथ तटीय क्षेत्र को साफ करने मे मदद कर रहे है।
ज्ञात हो कि प्लास्टिक कचरा पर्यावरण के लिए अनुकूल नहीं है, और समुद्री पारिस्थितक तंत्र भी प्लास्टिक कचरे के बढ़ते प्रकोप से अछूता नहीं है। सफाई के दौरान समुद्री तट पर पाये जाने वाले कचरे में 50 प्रतिशत से अधिक मात्रा एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक ही पायी जाती है। जो कि समुद्रीय ईकोसिस्टम को काफी नुकसान पंहुचा रही है। प्लास्टिक और पॉलीथीन के कारण पृथ्वी और जल के साथ-साथ वायु भी प्रदूषित होती जा रही है। पिछले 50 वर्ष में हमने अगर किसी चीज का सबसे ज्यादा उपयोग किया है तो वो है प्लास्टिक। अब हमें अपने विवेक का उपयोग कर पर्यावरण की सुरक्षा में लग जाना चाहिए नहीं तो हमारी सुंदर प्रकृति को नष्ट होने में अब देर नहीं लगेगी। नरेन्द्र चेन्नई में रह कर समुद्री रक्षक नाम की टीम बनाने में जुट गए हैं।जिनका मुख्य उद्देश्य तटीय क्षेत्रों को साफ कर प्रदूषण मुक्त बनाना है।