
NEET छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी! नीट पीजी इस बार 15 जून के बजाय 3 अगस्त को होने की संभावना है। परीक्षा में देरी के कारण पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध आंबेडकर अस्पताल में पीजी छात्र देरी से आएंगे। पीजी छात्रों को रेसीडेंट, जूनियर डॉक्टर व हाउस कहा जाता है। ये ओपीडी में मरीजों के इलाज में मदद करते हैं। चूंकि अगस्त में परीक्षा होगी इसलिए सितंबर अंत तक काउंसलिंग शुरू हो सकती है। ऐसे में पहले राउंड के पीजी छात्र अक्टूबर में आएंगे।नीट पीजी का पेपर इस साल दो शिफ्टों में करने पर विवाद था। फर्स्ट ईयर के छात्रों के देरी से आने के कारण कॉलेज व अस्पताल में सेकंड व फाइनल ईयर के छात्र ही रहेंगे। इससे वार्डों में मरीजों की देखभाल प्रभावित हो सकती है। चूंकि पीजी के छात्र कम रहेंगे इसलिए छात्रों पर काम का दबाव भी बढ जाएगा।
अगस्त में नीट पीजी होने से कोरोना काल में होने वाली परीक्षा जैसी हो गई है। पहले जनवरी में नीट पीजी होती थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद नेशनल एग्जाम बोर्ड ने एक पाली में परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। इसी कारण परीक्षा केंद्रों की तैयारी में समय लगेगा।
19 विषयों में बराबर बराबर आते थे सवाल
विशेषज्ञों के अनुसार, एक शिफ्ट में पेपर होने पर 19 विषयों से बराबर-बराबर सवाल आते थे। दो शिफ्ट में पेपर होने के बाद एक शिफ्ट में किसी एक विषय से अधिक और दूसरी शिफ्ट में उसी विषय से कम सवाल पूछे जाने लगे। सबसे अधिक अंतर बॉयोकेमिस्ट्री, मेडिसिन और फिजियोलॉजी में देखने को मिल रहा था।