रायपुर। राजधानी रायपुर के पंडरी स्थित अशोका सुपर स्पेशलिटी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी का एक मामला सामने आया है. हॉस्पिटल में इलाज करा रहा दंपती प्रबंधन की ज्यादती का शिकार हो गया. मामले में जब दंपती ने एफआईआर करानी चाही तो पुलिस ने भी केस दर्ज करने से मना कर दिया. थाने में शिकायत दर्ज नहीं होने पर दंपती ने सरगुजा एसपी के पास न्याय की गुहार लगाई है.
दरअसल अशोका सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल के संचालक डॉ. ए. सुरेश कुमार पर एक मरीज दंपती ने इलाज में लापरवाही बरतने और पत्नी के गर्भ में पल रहे तीनों बच्चों को जान से मारने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि इनमें से एक बच्चे की मौत नागपुर में हुई थी. वहां से लौटने के कुछ दिन बाद अन्य दो बच्चों ने गर्भ में ही दम तोड़ दिया. दंपत्ती ने डॉक्टरों पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाया है.
आरोपों पर अस्पताल प्रबंधन का इनकार
एक तरफ जहां दंपती ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है तो वहीं दूसरी और अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज दंपत्ती ने इलाज के पैसे नहीं दिए और डॉक्टरों से अभद्रता की.
क्या है मामला?
अम्बिकापुर निवासी पीड़ित मरीज रेखा सोनी (30), पति संजय सोनी (33) ने बताया, शादी के पांच साल बाद भी वह नि:संतान थे. तभी उन्हें राजधानी स्थित अशोका सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल का पता चला जहां के डॉक्टर ए. सुरेश कुमार टेस्ट टयूब पद्धति से संतान होने का दावा करते हैं. कुछ दिनों में डॉ. सुरेश अग्रवाल से संपर्क किया तो उन्होंने आश्वस्त किया कि इस पद्धति से इलाज कराने के बाद वह बच्चा लेकर घर जाएंगे, लेकिन इसके लिए कुछ माह इलाज करना होगा. तीन महीने तक इलाज चला. गर्भ भी ठहरा, लेकिन वह टिक ना सका. फिर भी जैसे तैसे हमने अपना मन शांत कर लिया.
या तो मां बचेगी, या बच्चे
पीड़िता रेखा सोनी ने बताया कि चार-पांच दिन बाद उनकी तबियत फिर से खराब हो गई. मेडिकल चेकअप हुआ तो डॉक्टर ने कहा कि अब दोनों बच्चों को मारना पड़ेगा. या तो पत्नी बचेगी या बच्चे. इतना सुनते ही उनके पैरों से जमीन खिसक गई. आकिर में मरीज दंपत्ती ने पत्नी को बचाने का फैसला किया.
अस्पताल की बड़ी लापरवाही यह रही कि एडमिशन कंसेंट फार्म में दंपत्ती के हस्ताक्षर तक नही लिए गए. पीड़ित दंपत्ति का आरोप है कि नागपुर की डॉक्टर और अशोका अस्पताल की लापरवाही से हमने तीनों बच्चों को खो दिया. उसके बाद हमसे एक लाख रूप और मांगे गए. इस इलाज के लिए उन्होंने अपना घर और खेत बेच दिया. इलाज में लगभग छह लाख रूपए खर्च कर दिए, लेकिन वह माता-पिता नहीं बन सके.
इलाज की प्रक्रिया पर उठे सवाल
पीड़ित सोनी दंपत्ति ने अशोका सुपरस्पेशलिटी हास्पिटल के डॉक्टर ए. सुरेश कुमार, उनकी पत्नी स्मिता अग्रवाल तथा डॉक्टर बेटी पर लापरवाहीपूर्वक इलाज करने का आरोप लगाया है, जिससे उनके तीनों बच्चे बचाए ना जा सके. विशेष तौर पर तीन बच्चों का गर्भ ठहरने के बाद गलत दवाईयां देने और गलत इलाज की प्रक्रिया के कारण यह स्थिति बनी.
दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई और ना ही कोई मारपीट की गई. उल्टा उन्होंने पीड़ित पर ही दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा दिया. अस्पताल प्रबंधन ने दंपती के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की चेतावनी दी.