नई दिल्ली. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस का अगला वेरिएंट ओमिक्रॉन से कहीं ज्यादा संक्रामक हो सकता है, लेकिन असल में वैज्ञानिकों को ये बताने की जरूरत है कि आगामी वेरिएंट जानलेवा होगा या नहीं. डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केर्खोव ने सोशल मीडिया चैनल्स पर एक लाइव परिचर्चा में कहा कि हेल्थ बॉडी ने पिछले सप्ताह करीब 2 करोड़ 10 लाख मामले दर्ज किए हैं. तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के साप्ताहिक मामलों ने यह नया वैश्विक रिकॉर्ड स्थापित किया है. हालांकि ये पिछले सभी वैरिएंट्स जितना खतरनाक नहीं है, जिनके आते ही अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी थी. उन्होने कहा कि अगला वेरिएंट ऑफ कन्सर्न ज्यादा ताकतवर होगा.
इसका मतलब ये हुआ कि इसका ट्रांसमिशन रेट अधिक होगा और ये पूरी दुनिया में फैल रहे मौजूदा वेरिएंट को पीछे छोड़ देगा. उन्होंने कहा कि हम अगले वेरिएंट के हल्के होने की उम्मीद जरूर कर सकते हैं. लेकिन वास्तव में ऐसा होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसलिए लोगों को सख्ती से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. इसके अलावा, कोविड का अगला म्यूटेट वेरिएंट वैक्सीन प्रोटेक्शन से बच निकलने में ज्यादा माहिर हो सकता है. यह वैक्सीन से बनने वाली इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकता है. वैन केर्खोन ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि आपको हमेशा के लिए मास्क पहनने की जरूरत नहीं है. आपको हमेशा के लिए फिजिकल डिस्टेंस मेंटन करने की भी जरूरत नहीं है. लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए अभी हमें ऐसा करना होगा.