नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के सुरक्षा कवर को अपग्रेड कर दिया है। अब उन्हें जेड प्लस कैटेगिरी की सुरक्षा दी जाएगी। जेड प्लस सुरक्षा की टॉप श्रेणी होती है। सरकार की ओर से यह फैसला मुकेश अंबानी के खतरों को लेकर केंद्रीय खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समीक्षा किए जाने के बाद लिया गया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अंबानी (65) को पहली बार 2013 में भुगतान आधार पर सीआरपीएफ कमांडो का जेड श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया गया था। उनकी पत्नी नीता अंबानी को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, जिसमें कमांडो की संख्या कम होती है। हाल ही में ब्लूमबर्ग की ओर से जारी दुनिया के धन कुबेरों की सूची में मुकेश अंबानी 10वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
सूत्रों ने बताया कि अंबानी की सुरक्षा को शीर्ष श्रेणी के ‘जेड प्लस’ में बदल दिया गया है और इस संबंध में आवश्यक सूचना जल्दी ही जारी की जाएगी। अंबानी को खतरे की धारणा के संबंध में केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से जानकारी मिलने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिफारिश को औपचारिक रूप दिया।
सुरक्षा में तैनात हो सकते हैं और कमांडो
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (RPF) को मौजूदा सुरक्षा कवर को बढ़ाकर जेड प्लस करने और उनकी सुरक्षा में और कमांडो शामिल करने के लिए कहा जा सकता है। उनकी सुरक्षा में कुल 40-50 कमांडो शामिल हो सकते हैं जो पाली में काम करते हैं। सीआरपीएफ अभी अंबानी के आवास और कार्यालय परिसर को भी सुरक्षा प्रदान करता है।
पिछले साल की शुरुआत में, उस समय अंबानी की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी जब मुंबई में उनके आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी कार बरामद हुई थी। इसके बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने मामले की जांच शुरू की थी।
गौतम अडाणी को पिछले महीने मिली जेड कैटेगिरी की सुरक्षा
सरी ओर एक अन्य प्रसिद्ध उद्योगपति और अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी को भी पिछले महीने केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ कमांडो का जेड श्रेणी का वीआईपी सुरक्षा कवर मुहैया कराया था। यह सुविधा भी ‘भुगतान के आधार’ पर मुहैया की जा रही है। भुगतान के आधार का मतलब यह है कि सुरक्षा में लगे जवानों का पूरा खर्चा सरकार नहीं बल्कि जिनको मिल रही है उनको उठाना पड़ता है।
सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि बल 119 लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे ‘वीआईपी’ सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक नई बटालियन प्रदान की है। इस कार्य के लिए पहले से ही छह बटालियन हैं और ऐसी प्रत्येक इकाई में लगभग 800 कर्मी होते हैं।