ढाई-ढाई साल के सीएम फार्मूले पर भूपेश ने कहा- जब हाईकमान कहेगा हट जाएंगे

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर चर्चा थम नहीं रही है। हिमाचल और दिल्ली प्रवास से लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी इस मुद्दे से जुडेÞ सवाल से सामना हुआ। श्री बघेल ने कहा, बार-बार पूछे जा रहे इस सवाल का एक ही जवाब है, जिम्मेदारी हाईकमान ने दी है, जब कहेगा हट जाएंगे। एआईसीसी के निर्देश पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अंतिम दर्शन के लिए शिमला पहुंचे थे। लौटने के बाद दिल्ली में उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से अलग-अलग मुलाकात की।

इस दौरान उन्होंने सरकार के नए कार्यक्रमों-नीतियों और सफलताओं की जानकारी दी। उसके अलावा प्रदेश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और संगठन की गतिविधियों पर भी बात हुई है। रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, किसी भी व्यक्ति को पार्टी के अंदर जो जिम्मेदारी दी जा रही है, वह उसका निर्वहन कर रहा है। बार-बार मीडिया के द्वारा यह सवाल बार-बार उठाया जाता है तो बार-बार वही जवाब आएगा कि हाईकमान ने जिम्मेदारी दी है, वह जब कहेंगे तब हट जाएंगे। जब मुख्यमंत्री अपनी बात कह रहे थे स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव साथ में ही खड़े थे।

सोनिया से निगम-मंडलों की सूची पर भी चर्चा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान उन्होंने निगम-मंडलों में नियुक्ति के लिए प्रस्तावित सूची पर भी बात की है। उन्होंने कहा, सूची तैयार है। जब वहां से अनुमोदित होकर आ जाए नियुक्ति आदेश जारी कर दिए जाएंगे। सरकार के बहुत से निगम-मंडल और आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियां बाकी हैं। कांग्रेस नेता यहां पद मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के हर कार्यक्रम को बताया फेल

सरकार को फेल बताने संबंधी विपक्ष के आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कार्यक्रम को फेल बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की आदत है कि अपनी गलतियां दूसरों पर मढ़ दो। इसका ताजा उदाहरण केंद्रीय मंत्रिमंडल का फेरबदल है। लॉकडाउन और वैक्सीन का फैसला मोदी जी ने खुद लिया। टीका उत्सव मनाने का निर्देश भी उनका था। टीके में से 25 प्रतिशत राज्यों को, 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र को और 50 प्रतिशत केंद्र सरकार को देने का फैसला भी उनका ही था। टीका देश से बाहर भेजने का फैसला भी मोदी जी का ही था। जब पूरे देश में वैक्सीनेशन में आलोचना हुई तो सारा दोष डॉ. हर्षवर्धन पर मढ़कर उनकी छुट्टी कर दी गई। दरअसल मोदी जी का कोई कार्यक्रम सफल नहीं हुआ है।

गैर भाजपा शासित प्रदेशों के साथ भेदभाव करने का आरोप

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब तो केंद्र सरकार किसानों को रासायनिक खाद भी नहीं पहुंचा पा रही है। देश में डीएपी और यूरिया खाद की भारी किल्लत है। उस पर तुर्रा यह है कि जो गैर भाजपा शासित राज्य हैं वहां डीएपी और यूरिया की आपूर्ति में भेदभाव किया जा रहा है। जितनी खाद मध्य प्रदेश अथवा यूपी को मिल रही है उतनी छत्तीसगढ़ को नहीं मिल पा रही। उन्होंने कहा, यह भेदभाव करने का काम केंद्र सरकार कर रही है।