गरियाबंद। तालाब से मछली की चोरी को रोकने के लिए तालाब के मेढ़ में तार बिछाकर उसमें विद्युत करंट प्रभावित करने से उसकी चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हो गई। वहीं किसान द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी गलती को छुपाने मृतक ग्रामीण के शव को अन्यत्र ठिकाने लगाए जाने के मामले में पुलिस ने किसान सहित उसके तीन सहयोगियों को धारा 304, 201, 34 एवं 135 विद्युत अधिनियम 2003 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
यह मामला गरियाबंद जिले के पांडुका थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अतरमारा में सामने आया है। मामला कुछ इस तरह है। ग्राम अतरमरा निवासी उमेश निषाद 5 नवंबर से लापता था, जिसकी रिपोर्ट उसके पिता मनोहर निषाद ने थाने में दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर उसकी संभावित जगहों पर तलाश किया। पर कहीं उसका पता नहीं चल पाया। अचानक 9 नवंबर को अतरमरा के जंगल में एक शव मिलने की सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस के सामने गुम इंसान के परिजनों ने उसकी पहचान उमेश निषाद के रूप में किया। पुलिस द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें मृतक की मृत्यु का कारण विद्युत करंट से होने की बात सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर के मार्गदर्शन में निरीक्षक बसंत बघेल तथा उनकी टीम ने इस मामले की विवेचना प्रारंभ किया तथा मुखबिर से सूचना मिला की अतरमरा निवासी बसंत ध्रुव अपने खेत से लगे तलाब में मछली चोरी को रोकने के लिए प्रतिदिन विद्युत तार लगाकर उसमें करंट प्रभावित करता है।
संदेह के आधार पर पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ किया तो उसने अपना गुनाह कबूल कर बताया कि गांव का ही उमेश तालाब में मछली चोरी करने के मकसद से घटना दिनांक को रात में तलाब गया था और वह विद्युत तार में हो रहे करंट की चपेट में आ गया और उसकी मौत मौके पर ही हो गई। इस घटना से वह काफी घबरा गया और उसने डर कर अपने सहयोगियों ललित राम सौरा, हेमराज ध्रुव, चंद्रशेखर के साथ मिलकर मृतक के शव को घटनास्थल से उठाकर गांव के जंगल में फेंक कर उसे झाड़ियों में छुपा कर रख दिया ताकि किसी और को यह बात पता ना चल सके। पांडुका पुलिस ने मौके से बिजली के तार तथा वह लकड़ी भी जब्त किया जिसमें मृतक केशव को ले जाया गया था तथा आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।